Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    श्रीगंगानगर-बठिडा रेलवे ट्रैक के आधुनिकरण का काम जल्द होगा शुरू

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 17 Jan 2021 02:32 AM (IST)

    श्रीगंगानगर-बठिडा रेलवे ट्रैक के आधुनिकरण का काम जल्द ही युद्ध स्तर पर चल रहा है।

    Hero Image
    श्रीगंगानगर-बठिडा रेलवे ट्रैक के आधुनिकरण का काम जल्द होगा शुरू

    संवाद सहयोगी, अबोहर : श्रीगंगानगर-बठिडा रेलवे ट्रैक के आधुनिकरण का काम जल्द ही युद्ध स्तर पर शुरू होने जा रहा है। उत्तर रेलवे ने 2024 तक श्रीगंगानगर से लेकर बठिडा तक के रेलवे ट्रैक पर आने वाले सभी रेलवे फाटक बंद कर दिए जाएंगे। रेलवे द्वारा उपरोक्त क्रासिंग पर अंडरब्रिज या ओवरब्रिज के निर्माण को 2024 तक मुकम्मल कर लिया जाएगा। इसके साथ ही इस ट्रेक का पूरी तरह से विद्धुतिकरण करने का काम पूरी तरह से अमल शुरू हो गया है। विद्युतिकरण के उपरांत इस ट्रेक पर रेलगाड़ी की स्पीड 110 किमी. प्रति घंटा पहुंच जाएगाी। मौजूदा समय में इस ट्रेक को टोकनलेस कर दिया गया है, जिससे अब गाड़ी को ज्यादा समय अनावश्यक तौर पर ठहराव नहीं करना पड़ेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्टेशन मास्टर ललित शर्मा ने बताया कि श्रीगंगानगर से लेकर मलोट तक इस ट्रेक पर 30 रेलवे फाटक आते हैं इन सभी स्थानों पर पुलों के निर्माण की प्रक्रिया पर अमल चल रहा है। श्रीगंगनगर रोड स्थित रेलवे फाटक वाली जगह पर अंडरब्रिज बनाने का काम भी प्रस्तावित है।

    और गाडिय़ों का संचालन अभी संभव नहीं

    ललित शर्मा ने बताया कि श्रीगंगानगर-बठिड ट्रैक पर फिलहल तीन गाडियां चल रही हैं। इसके अलावा इस रूट पर चलने वाली अन्य एक्सप्रेस व पैसेंजर गाड़ियों के संचालन के लिए कोई आदेश ऊपर से नहीं है। ऐसी परिस्थितियों में इस रूट पर सफर करने वाले मुसाफिर तो परेशान हैं ही, लोगों का रोजगार भी छिना हुआ है। रेलवे स्टेशनों पर चाय व अन्य खानेपीने की रेहड़ी वाले गरीबी का सामना कर रहे हैं।

    आरक्षित टिकट के बिना यात्रा नहीं

    श्रीगंगानगर-बठिड ट्रैक पर दिल्ली तथा हरिद्वार के लिए चलने वाली इंटरसिटी व नांदेड साहिब में यात्रा करने के लिए पैसेंजर के पास रिजर्वेशन टिकट होना जरूरी है। बिना आरक्षण के गाड़ियों में यात्रा की अनुमति नहीं है। बेशक रेलवे का यह बिना टिकट यात्रा न करने का फरमान है परंतु बठिडा से दिल्ली तक हाथों में झंडे लिए प्रदर्शनकारी किसान जब गाड़ी में सफर करते हैं तो किसी की हिम्मत नहीं कि उन्हें नीचे उतार दे।