फाजिल्का-फिरोजपुर मार्ग पर युवक की संदिग्ध मौत, परिजनों का 32 घंटे का धरना; पुलिस-माइनिंग कर्मियों पर मारपीट का आरोप
फाजिल्का-फिरोजपुर मार्ग पर लमोचढ़ कलां गांव में युवक की संदिग्ध मौत के बाद परिजनों ने 32 घंटे तक धरना दिया। परिवार ने पुलिस व माइनिंग कर्मियों पर मारपीट का आरोप लगाया। जाम से यातायात ठप हो गया जिससे यात्री परेशान हुए। पुलिस ने मामला दर्ज किया जिसके बाद धरना समाप्त हुआ और यातायात सामान्य हुआ।

संवाद सूत्र, जलालाबाद। फाजिल्का-फिरोज़पुर रोड पर गांव लमोचढ़ कला के 19 वर्षीय युवक साजन की संदिग्ध मौत को लेकर शुक्रवार सुबह शुरू हुआ धरना करीब 32 घंटे बाद शनिवार को आखिरकार समाप्त हो गया। परिजनों ने शव सड़क पर रखकर कार्रवाई की मांग को लेकर जाम लगाया हुआ था, जिससे ट्रैफिक पूरी तरह ठप हो गया और 2 किलोमीटर तक ट्रकों की लाइन लगी थी।
हालांकि पहले पुलिस ने मारपीट की घटना से इनकार किया था। लेकिन अब परिवार की मांग और अधिकारियों के हस्तक्षेप से मामला दर्ज होने के बाद परिवार धरना खत्म करने पर राज़ी हुआ और इसके साथ ही हाईवे पर आवाजाही भी सामान्य हो गई। बता दें कि शुक्रवार सुबह फाजिल्का–फिरोज़पुर रोड पर गांव लमोचढ़ कला के 19 वर्षीय युवक साजन की संदिग्ध मौत को लेकर परिजनों ने शव रखकर धरना शुरू कर दिया।
परिजनों का आरोप था कि माइनिंग विभाग और घुबाया पुलिस चौकी के कर्मचारियों ने साजन को पकड़कर चौकी में ले जाकर बेरहमी से पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई। उनका कहना था कि पुलिसकर्मी शव को सड़क किनारे फेंककर चले गए और साजन का साथी आकाशदीप वहीं छोड़ दिया गया। इन आरोपों को लेकर ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए।
धरना शुरू होते ही हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। ट्रक, बसें, कार और एंबुलेंस तक जाम में फंसी रहीं। यात्रियों और वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बावजूद इसके परिजन लगातार एफआईआर दर्ज करने पर अड़े रहे। पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की और भरोसा दिया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर सच्चाई सामने लाई जाएगी और उसी आधार पर कार्रवाई होगी।
धरना रात भर और शनिवार सुबह से शाम तक जारी रहा। आखिरकार शाम करीब 5:30 बजे पुलिस अधिकारियों ने मौके पर ही परिजनों के बयान दर्ज किए और इन्हीं बयानों के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई।
इसके बाद, डीएसपी जलालाबाद जतिंदर सिंह गिल ने स्पष्ट किया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके अनुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। मामला दर्ज होने के बाद परिजन और ग्रामीण मान गए और धरना समाप्त कर दिया। हाईवे पर लगे जाम को हटाया गया और यातायात धीरे-धीरे सामान्य हो गया।
धरने और जाम के कारण हाईवे पर फंसे ट्रक चालकों ने अपनी परेशानी जाहिर की। उनका कहना था कि गाड़ियाँ दूर-दराज से माल लेकर आई हैं और कई गाड़ियों में खराब होने वाला सामान भी लदा हुआ है। लंबे समय तक जाम में फंसे रहने के कारण न सिर्फ समय पर डिलीवरी रुक गई बल्कि लेबर का अतिरिक्त खर्च भी बढ़ गया। चालकों ने मृतक परिवार के प्रति संवेदना जताई।
लेकिन यह भी कहा कि सड़क पर फंसे होने से उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ा। कई ट्रक चालक दिन–रात गाड़ियों में ही बैठे रहे और खाने-पीने तक की दिक्कत का सामना करना पड़ा। शनिवार शाम को जब रास्ता खुला, तब जाकर उन्होंने राहत की सांस ली।
लिंक सड़कों से छोटे वाहनों को तो भेजा गया, लेकिन बड़े वाहन सड़कों पर ही खड़े होने को मजबूर हुए। वहीं धरने के कारण फाजिल्का-फिरोज़पुर हाईवे पूरी तरह जाम हो गया, जिससे बसों को भी गांवों से होकर घुमना पड़ा। फाजिल्का से फिरोज़पुर और फिरोज़पुर से फाजिल्का जाने वाली बसों को लंबा रास्ता तय करना पड़ा, जिससे सफर में कई घंटे लग गए।
यात्रियों को समय पर अपनी मंज़िल तक पहुँचने में देरी हुई और काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। हाईवे खुलने के बाद ही बसों की आवाजाही सामान्य हो सकी और यात्रियों ने राहत की सांस ली।
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