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    फतेहगढ़ साहिब: गांव में नहीं था मस्जिद, इबादत के लिए दूसरे गांव जाते थे मुस्लिम समुदाय; सिख महिला ने दान कर दी अपनी जमीन

    Updated: Sat, 27 Dec 2025 06:34 PM (IST)

    पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले के जखवाली गांव में 75 वर्षीय सिख महिला बीबी राजिंदर कौर ने धार्मिक सद्भाव की मिसाल पेश की है। उन्होंने मुस्लिम समुदाय के ल ...और पढ़ें

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    मस्जिद के निर्माण का नींव पत्थर

    जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब: पंजाब की एक बुजुर्ग सिख महिला ने मस्जिद के लिए जमीन दान देकर धार्मिक सद्भाव की मिसाल कायम की है। सरहिंद-पटियाला रोड पर स्थित जखवाली के सिख-हिंदू परिवार गांव में मस्जिद का निर्माण करवा रहे हैं, जिससे गांव के मुस्लिम परिवार आराम से अल्लाह की इबादत कर सकें। पंजाब के शाही इमाम मौलाना उस्मान लुधियानवी ने बीती 7 दिसंबर को इस मस्जिद के नींव में पत्थर रखा था।

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    ऐसा है आबादी का आंकड़ा

    जानकारी के अनुसार, फतेहगढ़ साहिब जिले के गांव जखवाली की आबादी सिख बहुल है। यहां हिंदू और मुस्लिम परिवार भी बहुतायत में हैं। इनमें 65 फीसदी सिख, 25 फीसदी हिंदू और 10 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है। गांव के लोग धार्मिक अलगाव को दरकिनार करते हुए बरसों से सभी त्योहार मिलजुल कर मना रहे हैं। बताया जा रहा है कि गांव में सिख और हिंदू परिवारों के लिए धार्मिक स्थल मौजूद हैं, लेकिन मुस्लिम समुदाय के लोगों को नमाज पढ़ने के लिए दूसरे गांव में जाना पड़ता था।

    इसे देखते हुए गांव की 75 वर्षीय सिख महिला बीबी राजिंदर कौर ने मस्जिद निर्माण के लिए अपनी 5 मरले जमीन दान दे दी। इससे मुस्लिम समुदाय की 3 दशक पुरानी समस्या अब दूर होने वाली है।

    पंचायत चुनाव में उठा था मुद्दा

    दरअसल, हाल ही में हुए पंचायत चुनावों के दौरान मस्जिद निर्माण का मुद्दा उठा। इस चुनाव में बीबी राजिंदर कौर के पोते मोनू सिंह पंच निर्वाचित हुए। पंच मोनू सिंह बताते हैं कि गांव में मस्जिद नहीं थी। मुस्लिम समुदाय को नमाज के लिए 2 किमी दूर गांव मुल्लांपुर की मस्जिद में जाना पड़ता था। पंच मोनू सिंह कहते हैं कि पंचायत चुनाव के बाद उन्हें पता चला कि धार्मिक स्थान के निर्माण के लिए सरकारी जमीन नहीं दी जा सकती। इसके बाद उन्होंने परिवार के साथ इस विषय पर चर्चा की और मस्जिद के लिए ज़मीन देने का फैसला किया। 

    वह कहते हैं कि गांव के सभी समुदायों के लोग मस्जिद निर्माण में मदद कर रहे हैं। मोनू सिंह के बड़े भाई सतनाम सिंह बताते हैं कि मुस्लिम समुदाय के धार्मिक स्थल की समस्या का हल पंचायत नहीं निकाल पर रही थी। लिहाजा परिवार से चर्चा के बाद दादी जी (बीबी राजिंदर कौर) ने अपनी 5 मरले जमीन मस्जिद निर्माण के लिए देने का फैसला लिया। वह बताते हैं कि जिस जगह गुरुद्वारा साहिब, शिव मंदिर और दरगाह है, उसी इलाके में उनकी भी जमीन है।

    'मानवता की सेवा में दान की जमीन'

    बुजुर्ग बीबी राजिंदर कौर कहती हैं कि सिख गुरु साहिबान ने मानवता की सेवा की शिक्षा दी है। उसी पर चलते हुए उन्होंने अपनी जमीन मस्जिद के लिए दान देने का फैसला किया। वह कहती हैं कि उन्हें सुकून है कि अब गांव के मुस्लिम समुदाय को अपनी धार्मिक प्रार्थना के लिए दूसरे गांव नहीं जाना पड़ेगा। राजिंदर कौर कहती हैं कि गांव के हिंदू, सिख और मुस्लिम सभी त्योहार मिलकर सांझे तौर पर मनाते हैं। गुरु पर्वों व शहीदी सभा के लंगर में मुस्लिम समुदाय भी सेवा करता है। ग्रामीणों  में धार्मिक आधार पर कोई भेदभाव नहीं है।

    BJP नेता अजब सिंह ने भी की मदद

    गांव के पूर्व सरपंच और स्थानीय बीजेपी नेता अजब सिंह ने भी इस मस्जिद के लिए योगदान दिया है। अजब सिंह कहते हैं कि जब गांव में मंदिर बना था, तो मुस्लिम और सिख भाइयों ने इसके निर्माण में योगदान दिया था। इसी तरह सभी समुदाय गुरुद्वारे के निर्माण में भी योगदान देते हैं। मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष काला खान बताते हैं कि ग्रामीणों में धर्म के आधार पर कोई अलगाव नहीं है। सभी समुदाय मिलजुल कर भाईचारे से रहते हैं।

    वह कहते हैं कि मस्जिद निर्माण के लिए जमीन देने वाले परिवार के प्रति गांव का मुस्लिम समुदाय आभारी है। ग्रामीणों ने मस्जिद निर्माण में पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया है, उम्मीद है कि फरवरी के आसपास निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। मुस्लिम समुदाय के बलबीर खान बताते हैं कि गांव के हिंदू-सिख परिवारों ने अभी तक 3.5 लाख की धनराशि अपने स्तर पर जुटा कर मस्जिद निर्माण के लिए दी है। आगे और भी निर्माण में सहयोग के लिए और धनराशि जुटाने का भरोसा दिया है।