40 लाख संगत के बाद 400 टन कचरे का संकट! फतेहगढ़ साहिब में निस्तारण व्यवस्था की घोर कमी, नगर कौंसिल बेबस
फतेहगढ़ साहिब में शहीदी सप्ताह के दौरान 40 लाख श्रद्धालुओं के आने से 400 टन से अधिक कचरा उत्पन्न हुआ। सरहिंद-फतेहगढ़ साहिब नगर कौंसिल के पास इसके निस् ...और पढ़ें
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फतेहगढ़ साहिब में शहीदी सप्ताह के बाद कचरा प्रबंधन में नगर कौंसिल की लापरवाही।
नवनीत छिब्बर, फतेहगढ़ साहिब। छोटे साहिबजादों और माता गुजरी जी की शहादत को नमन करने देश-विदेश से शहीदी सप्ताह के दौरान 40 लाख संगत नतमस्तक होने पहुंची। जिनके खान-पान की व्यवस्था के लिये 1000 से ज्यादा छोटे-बड़े लंगर पंजाब सहित अन्य राज्यों से आये सेवादारों द्वारा लगाये गए। इस दौरान 400 टन से ज्यादा कूड़ा पैदा हुआ। जिसके निस्तारण के लिये सरहिंद-फतेहगढ़ साहिब नगर कौंसिल के पास बुनायदी सुविधा तक मौजूद नहीं है। कचरा प्रबंधन के लिये नगर कौंसिल टेंडर तक जारी नहीं कर सका।
फतेहगढ़ साहिब में ऐतिहासिक शहीदी सभा का समापन हो चुका है। 21 से 28 दिसंबर तक शहीदी सप्ताह के दौरान अनुमानित तौर पर 40 लाख के करीब संगत देश-विदेश से नतमस्तक होने यहां पहुंची। संगत के खान-पान की व्यवस्था के लिये सभा स्थल व सरहिंद शहर में 1000 से ज्यादा छोटे-बड़े लंगर लगाये गए। स्वच्छ भारत अभियान के चलते बीते एक दशक के दौरान लंगर कमेटियां सफाई व्यवस्था को लेकर जागरूक हुई हैं। ऐसे में लंगर कमेटियां सफाई व्यवस्था का पालन करते हुए कचरा संग्रहण और निस्तारण का जिम्मा बखूबी संभालती हैं।
जबकि प्रशासनिक स्तर पर बैठकों में होने वाले दावों से अलग जमीनी स्तर पर कचरा प्रबंधन के इंतजाम बहुत कमजोर नजर आते हैं। नगर कौंसिल के दावों को माने तो शहीदी सप्ताह के दौरान आये प्रति व्यक्ति द्वारा महज 100 ग्राम कचरा उत्पन्न किया गया। इस लिहाज से शहीदी सप्ताह में पहुंची 40 लाख संगत से 400 टन कचरा पैदा हुआ।
कचरा प्रबंधन के लिये जिला फतेहगढ़ साहिब की सरहिंद, मंडी गोबिंदगढ़, अमलोह, बस्सी पठाना नगर कौंसिल के अतिरिक्त खन्ना, दोराहा, भादसों, संगरूर, जिरकपुर, रोपड़ नगर कौंसिल व पटियाला और मोहाली नगर निगम की टीमें कचरा एकत्र करने वाले वाहनों के साथ मौजूद थीं। शहीदी सप्ताह के दौरान 60 प्रतिशत गीला और 40 प्रतिशत सूखा कचरा एकत्र किया गया। जिस नगर कौंसिल या नगर निगम की टीम ने जितना कचरा एकत्र किया उसे अपने क्षेत्र में निस्तारण के लिये भेजा।
सरहिंद में प्रतिदिन औसतन 15 टन कचरा शहर से पैदा होता है। शहीदी सप्ताह में कचरा वितरण के बाद सरहिंद नगर कौंसिल के पास 100 टन से ज्यादा अतिरिक्त कचरा निस्तारण के लिये मौजूद है। जबकि इस सप्ताह के दौरान नियमित तौर पर शहर से पैदा होने वाला 115 टन से ज्यादा कचरा भी इसमें जुड़ता है। जिसके प्रबंधन के लिये सरहिंद नगर कौंसिल के पास कोई इंतजाम नहीं है। सरहिंद नगर कौंसिल के पास महज एक एमआरएफ यानि मैटीरियल रिकवरी फेसिलिटी है।
जो कि अवैध डंपिंग ग्राउंड के पास है। एनजीटी के सख्ती के चलते इसे बंद कर दिया गया है। लेकिन शहीदी सप्ताह के दौरान सरहिंद चो के किनारे बने इस अवैध डंपिंग ग्राउंड पर भी कचरा फेंका गया। उधर, नगर कौंसिल ने बहादुरगढ़ के पास जो नया गारबेज डंपिंग साइट शुरू किया है, वह पूरी तरह से भर चुका है। जिसका स्थानिय निवासी विरोध कर रहे हैं।
नगर कौंसिल ने इस बड़े आयोजन को लेकर पहले से पुख्ता प्रबंध नहीं किये। जिसका खामियाजा अब स्थानिय नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है।
नगर कौंसिल सरहिंद के ईओ मनवीर सिंह गिल का इस पर कहना है कि कचरा प्रबंधन के लिये टेंडर निकाले गए थे, जो किन्हीं कारणों के चलते लागू नहीं हो सके। जल्द ही दोबारा टेंडर निकाले जाएंगे। हालांकि टेंडर की सरकारी प्रक्रिया में लगने वाले समय और कचरा प्रबंधन में होनी वाली देरी को लेकर नगर कौंसिल ईओ के पास कोई जवाब नहीं है।

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