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    फतेहगढ़ साहिब: बुजुर्ग सिख महिला ने कायम की मिसाल, मस्जिद के लिए दान में दी जमीन; 3 दशक से प्रयास कर रहा था गांव

    Updated: Sat, 27 Dec 2025 07:45 PM (IST)

    फतेहगढ़ साहिब के जखवाली गांव में एक बुजुर्ग सिख महिला बीबी राजिंदर कौर ने मस्जिद निर्माण के लिए अपनी 5 मरले जमीन दान कर धार्मिक सद्भाव की अनूठी मिसाल ...और पढ़ें

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    बुजुर्ग सिख महिला ने मस्जिद के लिए दान में दी जमीन। फोटो जागरण

    नवनीत छिब्बर, फतेहगढ़ साहिब। पंजाब की एक बुजुर्ग सिख महिला ने धार्मिक सद्भाव की मिसाल कायम करते हुए मस्जिद के लिये जमीन दान देकर धार्मिक अलगाव की विचारधारा को मुंहतोड़ जवाब दिया है।

    सरहिंद-पटियाला रोड पर स्थित जखवाली के सिख-हिंदु परिवार अपने गांव के मुस्लिम परिवारों की इबादत के लिये गांव में मस्जिद का निर्माण करवा रहे हैं। पंजाब के शाही इमाम मौलाना उस्मान लुधियानवी ने बीती 7 दिसंबर को गांव में मस्जिद का नींव पत्थर रखा।

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    फतेहगढ़ साहिब जिले के गांव जखवाली की आबादी सिख बाहुल है। यहां हिंदु और मुस्लिम परिवार भी बहुतायत में हैं। धार्मिक अलगाव को दरकिनार करते हुए गांव के लोग बरसों से सभी त्योहार मिलजुल कर मना रहे हैं। गांव में 65 फिसदी सिख आबादी है, 25 फिसदी हिंदु और 10 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है।

    गांव में गुरुद्वारा साहिब, शिव मंदिर और एक दरगाह है। गांव में सिख और हिंदु परिवारों के लिये धार्मिक स्थल मौजूद हैं, लेकिन मुस्लिम समुदाय पिछले तीन दशक से मस्जिद के लिये प्रयास कर रहा था। गांव की 75 वर्षिय सिख महिला बीबी राजिंदर कौर ने मस्जिद निर्माण के लिये अपनी 5 मरले जमीन दान दे, मुस्लिम समुदाय की 3 दशक पुरानी समस्या को हल कर दिया।

    नमाज पढ़ने में होती थी दिक्कत

    दरअसल हाल ही में हुए पंचायत चुनावों के दौरान मस्जिद निर्माण का मुद्दा उठा। इस चुनाव में बीबी राजिंदर कौर के पोते मोनू सिंह पंच निर्वाचित हुए। पंच मोनू सिंह बताते हैं कि गांव में मस्जिद नहीं थी। मुस्लिम समुदाय को नमाज के लिये 2 किमी दूर गांव मुल्लांपुर की मस्जिद में जाना पड़ता था।

    पंच मोनू सिंह कहते हैं कि पंचायत चुनाव के बाद उन्हें पता चला कि धार्मिक स्थान के निर्माण के लिए सरकारी ज़मीन नहीं दी जा सकती। उन्होंने परिवार के साथ इस विषय पर चर्चा की और मस्जिद के लिए ज़मीन देने का फैसला किया। वह कहते हैं कि गांव के सभी समुदायों के लोग मस्जिद निर्माण में मदद कर रहे हैं।

    मोनू सिंह के बड़े भाई सतनाम सिंह बताते हैं कि मुस्लिम समुदाय के धार्मिक स्थल की समस्या का हल पंचायत नहीं निकाल पर रही थी। लिहाजा परिवार से चर्चा के बाद दादी जी (बीबी राजिंदर कौर) ने अपनी 5 मरले जमीन मस्जिद निर्माण के लिये देने का फैसला लिया। वह बताते हैं कि जिस जगह गुरुद्वारा साहिब, शिव मंदिर और दरगाह है, उसी इलाके में उनकी भी जमीन है।

    बुजुर्ग बीबी राजिंदर कौर कहती हैं कि सिख गुरु साहिबान ने मानवता की सेवा की शिक्षा दी है। उसी पर चलते हुए उन्होंने अपनी जमीन मस्जिद के लिये देने का फैसला किया। वह कहती हैं कि उन्हें सुकून है कि अब गांव के मुस्लिम समुदाय को अपनी धार्मिक प्रार्थना के लिये दूसरे गांव नहीं जाना पड़ेगा।

    बीबी जी कहती हैं कि गांव के हिंदू, सिख और मुस्लिम सभी त्यौहार मिल कर सांझे तौर पर मनाते हैं। गुरु पर्वों व शहीदी सभा के लंगर में मुस्लिम समुदाय भी सेवा करता है। ग्रामीणों धार्मिक आधार पर कोई भेदभाव नहीं है।

    गांव के पूर्व सरपंच और स्थानीय बीजेपी नेता अजब सिंह ने भी मस्जिद के लिए योगदान दिया है। अजब सिंह कहते हैं कि जब गांव में मंदिर बना था, तो मुस्लिम, सिख भाइयों ने इसके निर्माण में योगदान दिया था और इसी तरह सभी समुदाय गुरुद्वारे के निर्माण में भी योगदान देते हैं। मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष काला खान बताते हैं कि ग्रामीणों में धर्म के आधार पर कोई अलगाव नहीं है।

    सभी समुदाय मिलजुल कर भाईचारे से रहते हैं। वह कहते हैं कि मस्जिद निर्माण के लिये जमीन देने वाले परिवार के प्रति गांव का मुस्लिम समुदाय आभारी है। काला खान कहते हैं कि ग्रामीणों ने मस्जिद निर्माण में पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया है, उम्मीद है कि फरवरी के आसपास निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।

    मुस्लिम समुदाय के बलबीर खान बताते हैं कि गांव के हिंदू-सिख परिवारों ने अभी तक 3.5 लाख की धनराशि अपने स्तर पर जुटा कर मस्जिद निर्माण के लिये दी है। आगे और भी निर्माण में सहयोग के लिये और धनराशि जुटाने का भरोसा दिया है।