पंजाब में ठेकेदार की हत्या कर शव के किए कई टुकड़े, फिर पॉलिथीन में भरकर कुएं में फेंका
फतेहगढ़ साहिब के गांव वजीराबाद में एक ठेकेदार गौतम यादव की हत्या कर दी गई और शव के दो टुकड़े करके कुएं में फेंक दिए गए। पुलिस ने तीन दिन बाद शव बरामद किया और हत्या के आरोप में ठेकेदार के सहयोगी रंजीत कुमार को गिरफ्तार किया है। गौतम यादव जेएमके इंडस्ट्रीज में ठेकेदारी का काम करता था।

जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब। गांव वजीराबाद में एक ठेकेदार का पहले कत्ल किया और फिर शव के दो टुकड़े कर कुएं में फेंक दिए। तीन दिन बाद सोमवार को पुलिस ने शव कुएं से बरामद कर लिया। पुलिस ने हत्या मामले में ठेकेदार के एक सहयोगी को गिरफ्तार किया है, जबकि मामले की जांच जारी है।
मृतक की पहचान बिहार के जिला खगड़िया के गांव सैदपुर के रहने वाले 36 वर्षीय गौतम यादव के रूप में हुई है। वजीराबाद में जेएमके इंडस्ट्रीज नाम से एक आयरन मिल है। इसमें पिछले करीब छह साल से गौतम यादव ठेकेदारी का काम करता था। मिल के पीछे एक गोदाम है, जिसमें मिल मालिक मंडी गोबिंदगढ़ निवासी गगन बांसल ने दुधारू पशु रखे हुए हैं, जिनकी देखभाल का जिम्मा गौतम यादव को सौंपा गया था।
उसने कुछ माह पहले अपने एक सहयोगी बिहार के जिला भागलपुर के गांव टिंगटिंगा के रहने वाले रंजीत कुमार को भी पशुओं की देखभाल के लिए रखा था। एक अगस्त की सुबह छह बजकर छह मिनट पर गौतम यादव अपनी बाइक से जेएमके मिल के रास्ते गोदाम में पहुंचते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ। इसके बाद से गौतम लापता हो गया। मिल मालिक गगन बांसल ने ठेकेदार गौतम के लापता होने की सूचना थाना सरहिंद पुलिस को दी।
लुधियाना से गौतम के जीजा अमर यादव भी दो अगस्त को यहां पहुंचे। उसकी बाइक गोदाम से थोड़ी दूरी पर खेतों में पड़ी मिली। शक के आधार पर जब ठेकेदार के सहयोगी रंजीत से पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की, तो उसने गौतम की हत्या कर लाश कुएं में फेंकने की जानकारी दी। एसपी डी राकेश यादव ने बताया कि पुलिस ने रंजीत की निशानदेही पर तीन दिन बाद चार अगस्त की शाम कुएं से गौतम का शव बरामद कर लिया।
शव बुरी तरह से काटा गया था। टांगों के ऊपर से शव के दो टुकड़े कर उसे पालिथीन में डालकर कुएं में फेंका गया था। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम करवा दिया है। वहीं, हत्या के आरोप में रंजीत को गिरफ्तार कर आगे की जांच शुरू कर दी गई है।
कत्ल की वजह नशे का कारोबार तो नहीं?
गौतम यादव के लापता होने की सूचना मिलने के बाद लुधियाना से उसके जीजा अमर यादव और श्रवण यादव, दिल्ली व पानीपत से चचेरे भाई राजीव कुमार, बृजेश यादव और ममेरे भाई सुजीत कुमार सहित अन्य रिश्तेदार यहां पहुंचे।
मृतक के जीजा अमर यादव और अन्य रिश्तेदारों ने शक जाहिर किया कि गोदाम से कुछ लोग नशा बेचने का धंधा कर रहे थे। आरोप है कि इनमें रंजीत कुमार भी शामिल था। रिश्तेदारों का आरोप है कि रंजीत के साथ चार-पांच अन्य लोग भी थे। गौतम इन लोगों को नशा करने और बेचने से रोकता था।
इसी के चलते बीती 27 जुलाई को इन लोगों से विवाद भी हुआ था और एक व्यक्ति ने गौतम को धमकी भी दी थी। मृतक के रिश्तेदारों ने बताया कि धमकी देने वाला व्यक्ति योजना बनाने के बाद 29 जुलाई को बिहार अपने घर चला गया। उसी के इशारे पर इस घटना को रंजीत और कुछ अन्य लोगों ने मिलकर अंजाम दिया है।
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