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शहीदों की धरती पर श्रीराम जन्मभूमि धन संग्रह की शुरूआत, हर घर से लेंगे योगदान

फतेहगढ़ साहिब शहीदों की धरती है। इस धरती पर श्री गुरु गोबिद सिंह जी के छोटे साहिबजादों बाबा फतेह सिंह बाबा जोरावर सिंह व माता गुजरी जी ने धर्म की खातिर बलिदान दिया था

By JagranEdited By: Updated: Sun, 17 Jan 2021 07:52 PM (IST)
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शहीदों की धरती पर श्रीराम जन्मभूमि धन संग्रह की शुरूआत, हर घर से लेंगे योगदान

जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब:

फतेहगढ़ साहिब शहीदों की धरती है। इस धरती पर श्री गुरु गोबिद सिंह जी के छोटे साहिबजादों बाबा फतेह सिंह, बाबा जोरावर सिंह व माता गुजरी जी ने धर्म की खातिर बलिदान दिया था। वहीं बलिदान के दौरान विभिन्न धर्मों के लोगों ने गुरु साहिब के परिवार का साथ देते हुए धार्मिक एकता की मिसाल भी कायम की थी। यहां रविवार को अयोध्या में श्री राम मंदिर के निर्माण को लेकर श्रीराम जन्मभूमि धन संग्रह की शुरुआत की गई। इसे लेकर राणा मुंशी राम सर्वहितकारी विद्या मंदिर में विश्व हिदू परिषद सहित दूसरे धार्मिक संगठनों की बैठक हुई। बैठक से पहले यहां हवन भी कराया गया। बैठक के दौरान समूह संगठनों के प्रतिनिधियों ने फैसला लिया कि श्रीराम मंदिर के लिए शहीदों की धरती के हर घर, दुकान से योगदान लिया जाएगा। डा. रघुवीर सूरी व जगदीश वर्मा ने बताया कि धन संग्रह को लेकर सदस्यों की गठित कमेटियां हर घर, दुकान व सभी से संपर्क कर सहयोग मांगेगी, जिससे उनका जन संपर्क भी बढ़ेगा। 27 फरवरी तक चलने वाले इस अभियान में हर जाति, मत, पंथ, संप्रदाय, क्षेत्र, भाषा के लोगों के सहयोग से श्री राम मंदिर एक राष्ट्र मंदिर का रूप लेगा। बैठक में श्री राधा कृष्णा गोशाला, श्री हनुमान सेवा दल, श्री रामा कृष्णा ड्रामाटिक कल्ब, विश्व जागृति मिशन के सदस्य भी शामिल रहे।

--- अमलोह के श्री शीतला माता मंदिर में हवन यज्ञ

जासं, अमलोह

श्री राम मंदिर निर्माण को लेकर श्री शीतला माता मंदिर में समूह धार्मिक संस्थाओं के सहयोग से हवन यज्ञ कराया गया। संस्थाओं ने फैसला लिया कि 10 से लेकर 1000 रुपए तक के कूपनों से शहर से सहयोग लेंगे। घर घर तक पहुंच करके श्रीराम मंदिर के लिए योगदान लिया जाएगा। हवन यज्ञ में श्री राम मंदिर कमेटी, श्री संगमेश्वर गोशाला, मानव भलाई मंच, बार एसोसिएशन, शैलर एसोसिएशन, श्री श्याम परिवार, श्री दुर्गा पूजा समिति, श्री शिरडी साईं मंदिर, श्री रामलीला भवन ट्रस्ट, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, भारत विकास परिषद, श्री रामेश्वर मंदिर के प्रबंधक शामिल रहे।