पंजाब में पुलिसकर्मी की रंगदारी, कबाड़ी से मांगी 5 लाख की रिश्वत, बीवी-बच्चों को जबरन हिरासत में रखने का भी आरोप
पंजाब के फरीदकोट में एक पुलिसकर्मी ने कबाड़ी वाले के परिवार से 5 लाख रुपये रिश्वत मांगी। इतना ही नहीं उसने कबाड़ी की पत्नी और बच्चे को भी अवैध हिरासत में रखा। पुलिस ने सब इंस्पेक्टर और उसके गनमैन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। कबाड़ी वाले का नाम इनमोल सिंह है और उसका नाम चोरी के मामले में सामने आया था जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी की गई थी।
संवाद सहयोगी, फरीदकोट। जिले के थाना सादिक की प्रभारी और उसके दो गनमैनों द्वारा लुधियाना निवासी कबाड़ी और उसके परिवार को केस दर्ज करने के लिए धमका कर उससे 2 लाख रुपये की रिश्वत वसूलने का मामला सामने आया है। फिलहाल पुलिस ने आरोपित पुलिस अधिकारी व कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
दोनों के खिलाफ केस दर्ज
इस संबंध में एसएसपी डॉ प्रज्ञा जैन ने बताया कि लुधियाना के जमालपुर निवासी कबाड़ी अनमोल सिंह की पत्नी पल्लवी ने जिला पुलिस से संपर्क कर उन्हें शिकायत दी थी।
जिसके अनुसार गत 12 फरवरी को चोरी के एक मामले में उक्त अनमोल सिंह का नाम सामने आया था और थाना सादिक पुलिस ने उससे चोरी का कुछ सामान भी बरामद किया था। जिसके बाद थाना सादिक की प्रभारी सब इंस्पेक्टर जोगिंदर कौर व उसके गनमैन सिपाही शेर सिंह व लखवीर सिंह द्वारा उसे इस संबंध में धमकाना शुरू कर दिया।
5 लाख की मांगी थी रिश्वत लेकिन वसूले 2 लाख रुपये
उनके द्वारा उक्त कबाड़ी को केस दर्ज करने का धमका 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई। इतना ही नहीं उनके द्वारा कबाड़ी की पत्नी और बच्चे को भी अवैध हिरासत में रखा गया और उससे 2 लाख रिश्वत लेकर कबाड़ी की पत्नी ब बच्चे को छोड़ दिया गया। जबकि कबाड़ी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया।
एसएसपी ने बताया कि सरकार के आदेश हैं कि पुलिस की कार्रवाई भ्रष्टाचार मुक्त व पारदर्शी होनी चाहिए। जिसके तहत यह मामला सामने आते ही कार्रवाई करते हुए उक्त आरोपितों के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकू एक्ट के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
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वहीं फिल्लौर की एक दूसरी खबर में कुछ दिन पहले स्थानीय तहसील परिसर में महिला नायब तहसीलदार को कार्यालय में बंधक बनाने के बाद जान से मारने की धमकी देकर जबरन जमीन की रजिस्ट्री करवाने का मामला सामने आया था। नायब तहसीलदार की शिकायत पर फिल्लौर पुलिस ने आरोपित रामजी दास को गिरफ्तार कर लिया जबकि नंबरदार फरार हो गया था।
क्या है पूरा मामला?
फिल्लौर में दो वर्ष से तैनात नायब तहसीलदार 50 वर्षीय सुनीता खुल्लर ने पुलिस के उच्च अधिकारियों को दी शिकायत में आरोप लगाया है कि 10 फरवरी को वह कार्यालय में जमीन की रजिस्ट्री का काम कर रही थीं।
कार्यालय में गांव गन्ना पिंड का रामजी दास व गांव पंजढेरा का नंबरदार कुलदीप कुमार अपने साथियों के साथ कार्यालय में घुस आए। खुद को समाजसेवी बताने वाले रामजी दास ने अपने हाथ में कुछ दस्तावेज पकड़े हुए थे। वह उन दस्तावेजों को दिखाते हुए उन्हें धमकाने लगा।
उसने कहा कि वह जो दस्तावेज लाया है, उसके आधार पर अभी रजिस्ट्री की जाए। उन्होंने उसे कहा कि रजिस्ट्री के लिए जो नियम हैं, उन्हें पूरा करें।
कार्यालय में ही बंधक बनाने का आरोप
यह सुनकर रामजी दास तैश में आ गया। उसने साथियों के साथ मिलकर उन्हें कार्यालय में ही बंधक बना लिया और उनके लिए अभद्र शब्द कहने लगा। उसने धमकी दी कि यदि रजिस्ट्री नहीं की गई तो जान से हाथ धोना पड़ सकता है।
इस पर नायब तहसीलदार ने उसे कहा कि वह दिल के रोग से पीड़ित हैं, इसलिए उनसे इस तरह अभद्र भाषा का प्रयोग न करें और धमकी न दें परंतु रामजी दास ने उनसे जबरदस्ती जमीन की रजिस्ट्री करवा ली।
उन लोगों के कार्यालय से जाने के बाद महिला तहसीलदार ने इस घटना की जानकारी नूरमहल व गोराया के तहसीलदारों के अलावा कानूनगो एसोसिएशन के प्रधान व पटवार यूनियन को दी। उन्होंने आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई के लिए फिल्लौर में पुलिस अधिकारियों के पास शिकायत दी।
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