Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कोटकपूरा गोलीकांड: रिटायर्ड हेड कॉन्स्टेबल ने कार्रवाई के लिए खटखटाया कोर्ट का दरवाजा, SIT ने भी रखा अपना पक्ष

    By Jatinder KumarEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Sun, 17 Sep 2023 10:08 PM (IST)

    Kotkapura Goli Kand News कोटकपूरा गोलीकांड में घायल होने के बाद दिव्यांग हुए रिटायर्ड हेड कॉन्स्टेबल ने कार्रवाई के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है। रशपाल सिंह का कहना है कि उनका आवेदन अभी तक अदालत में लंबित है। उन्हें अपूरणीय चोटों के कारण 31 अगस्त 2018 को पुलिस सेवा से सेवानिवृत्ति दे दी गई थी। वहीं एसआईटी ने भी इस मामले में अपना पक्ष रखा है।

    Hero Image
    रिटायर्ड हेड कॉन्स्टेबल ने कार्रवाई के लिए खटखटाया कोर्ट का दरवाजा (फाइल फोटो)

    फरीदकोट, जतिंदर कुमार/देवानंद शर्मा। Kotkapura Firing Case Update कोटकपूरा गोलीकांड के दौरान कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों के हमले के चलते घायल हुए रिटायर्ड हेड कॉन्स्टेबल रशपाल सिंह ने जेएमआईसी फरीदकोट की अदालत में उसे गंभीर चोट पहुंचाने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ संज्ञान लेने की मांग की है। इस संबंध में एसआईटी का कहना है कि अभी इस मामले में उनकी जांच चल रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बता दें कि कोटकपूरा गोलीकांड (Kotkapura Firing Case) के दौरान हेड कॉन्स्टेबल रशपाल सिंह प्रदर्शनकारियों के आक्रोश का निशाना बने थे। इसके कारण वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। रशपाल सिंह के अनुसार, इस घटना ने उन्हें जीवन भर के लिए दिव्यांग बना दिया।

    गंभीर रूप से घायल हुए थे रशपाल सिंह

    गौरतलब है कि 14 अक्टूबर 2015 को कोटकपूरा में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प के दौरान कथित तौर पर तलवार से किए गए हमले में रशपाल सिंह की खोपड़ी की हड्डी के पीछे कई गहरे घाव हो गए थे। घटना वाले दिन हेड कॉन्स्टेबल ड्यूटी पर था। उसकी खोपड़ी पर तलवार से किए गए हमले के कारण उसकी खोपड़ी का एक बड़ा हिस्सा कट जाने के चलते वह स्थायी रूप से दिव्यांग हो गया था।

    ये भी पढ़ें- Amritsar में खरीद रहे हैं प्लॉट तो हो जाएं सावधान! ADA ने जारी की अवैध कॉलोनियों की लिस्ट, एक बार जरूर देख लें

    अगस्त 2018 में रिटायर हुए थे रशपाल सिंह

    रशपाल सिंह का कहना है कि उनकी अपूरणीय चोटों के कारण उन्हें 31 अगस्त 2018 को पुलिस सेवा से सेवानिवृत्ति दे दी गई थी। इसी के चलते रशपाल सिंह द्वारा अदालत में आवेदन दिया गया था जो अभी अदालत में लंबित है और अदालत को एसआईटी के जवाब का इंतजार है।

    SIT ने क्या-कुछ कहा?

    इस मामले में एसआईटी का कहना है कि रशपाल सिंह के बयान इसलिए दर्ज नहीं हो सके क्योंकि वह चिकित्सकीय रूप से अपना बयान देने के लिए फिट नहीं था। रशपाल सिंह ने अपने आवेदन में प्रदर्शनकारियों में से 14 लोगों का नाम लिया था, जिन्होंने कथित तौर पर पुलिस अधिकारियों पर हमला किया था। हमले में 40 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। रशपाल सिंह का कहना है कि हालांकि एसआईटी ने पहले ही अदालत में 13 मिनट का एक वीडियो जमा करवाया है।

    इसमें प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिसकर्मियों पर हमला करने का खुलासा किया गया है। लेकिन किसी भी जांच अधिकारी ने अब तक इस वीडियो का संज्ञान नहीं लिया। जबकि अदालत ने प्रदर्शनकारियों में से 14 लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए रशपाल के आवेदन पर अभी तक निर्णय नहीं लिया है। एसआईटी ने इस मामले में तीन दिन पहले यहां जेएमआइसी अदालत में दायर एक अन्य सप्लीमेंट्री चालान में यह कहा है कि घटना में प्रदर्शनकारियों की भूमिका के बारे में जांच चल रही है।

    ये भी पढ़ें- Jalandhar Rains: भारी बारिश से जालंधर शहर पानी-पानी, कई इलाकों में जलभराव; नेशनल हाईवे पर 3 किलोमीटर लंबा जाम