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    भ्रष्टाचार की कहां करें शिकायत, चंडीगढ़ में लोगों को विजिलेंस के बजाय सीबीआइ पर भरोसा

    By Sohan Lal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Mon, 11 Aug 2025 04:21 PM (IST)

    चंडीगढ़ के लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ विजिलेंस के बजाय सीबीआइ के पास ज्यादा शिकायतें लेकर जा रहे हैं। उन्हें सीबीआइ की कार्रवाई पर ज्यादा भरोसा है। सीबीआइ ने चंडीगढ़ पुलिस के 11 पुलिसकर्मियों को रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। दूसरी ओर यूटी विजिलेंस को दो साल में 37 शिकायतें आनलाइन प्राप्त हुईं लेकिन इनमें से केवल सात मामलों में ही औपचारिक जांच शुरू हुई।

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    2023-2024 में सीबीआइ ने 24 से अधिक लोगों को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा।

     मनोज बिष्ट, चंडीगढ़। भ्रष्टाचार के खिलाफ लोग यूटी विजिलेंस के बजाय सीधे सीबीआइ का रुख कर रही हैं। आंकड़े यही बताते हैं कि लोगों का भरोसा स्थानीय विजिलेंस तंत्र से उठ चुका है। इसे लेकर यूटी प्रशासन की विजिलेंस शाखा सवालों के घेरे में है।

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    पिछले दो वर्ष 2023-2024 में सीबीआइ ने 24 से अधिक लोगों को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा, वहीं यूटी विजिलेंस महज तीन सरकारी अधिकारियों को ही पकड़ सकी है। इनमें भी कोई बड़ी कार्रवाई या एफआईआर दर्ज नहीं हुई।

    ऐसे समझें सीबीआइ और विजिलेंस की कार्रवाई में अंतर

    जानकारी के अनुसार सीबीआइ ने चंडीगढ़ पुलिस के 11 पुलिसकर्मियों को रिश्वत लेते हुए पकड़ा है, जिनमें सब-इंस्पेक्टर, एएसआई, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल शामिल हैं। एस्टेट आफिस और फायर विभाग के अधिकारी भी गिरफ्तार किए हैं। दूसरी ओर यूटी विजिलेंस को दो साल में 37 शिकायतें आनलाइन प्राप्त हुईं, लेकिन इनमें से केवल सात मामलों में ही औपचारिक जांच शुरू हुई और किसी भी शिकायत पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई।

    भरोसे की कमी, डर का माहौल

    लोगों का मानना है कि विजिलेंस विभाग में अधिकतर अधिकारी चंडीगढ़ पुलिस से ही लिए जाते हैं, जिनके पुराने संबंध अन्य अधिकारियों से बने रहते हैं। ऐसे में कोई भी व्यक्ति पुलिसकर्मी या सरकारी अधिकारी के खिलाफ शिकायत करने से घबराता है। एक शिकायतकर्ता ने बताया कि विजिलेंस विभाग में बैठे लोग एक-दूसरे के परिचित होते हैं, ऐसे में अगर किसी पुलिसकर्मी के खिलाफ शिकायत की जाए तो न सिर्फ कार्रवाई नहीं होती बल्कि शिकायतकर्ता की पहचान भी उजागर हो जाती है।

    करप्शन हेल्पलाइन बनी मजाक

    सामाजिक कार्यकर्ता आरके गर्ग का कहना है कि चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा शुरू की गई भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाइन सिर्फ कागजों तक सीमित है। न तो लोगों को शिकायत दर्ज कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और न ही शिकायतों पर कोई ठोस कार्रवाई होती है। उन्होंने पंजाब की करप्शन हेल्पलाइन का उदाहरण देते हुए कहा कि चंडीगढ़ को भी उसी तर्ज पर प्रभावी व्यवस्था बनानी चाहिए।