'मुझे झूठे केस में फंसाया...', बीजेपी में शामिल होते ही विजिलेंस ने मारा छापा, रंजीत गिल पहुंचे हाईकोर्ट
रियल एस्टेट कारोबारी रंजीत सिंह गिल के भाजपा में शामिल होने के बाद विजिलेंस ब्यूरो ने उनके आवास पर दूसरी बार छापा मारा। गिल ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है जिस पर आज सुनवाई होगी। गिल ने आप सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। रियल एस्टेट कारोबारी व पूर्व अकाली दल नेता रंजीत सिंह गिल के भाजपा में शामिल होने के 24 घंटे के भीतर ही पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने उनके आवास व कार्यालय पर दूसरी बार छापेमारी की।
इसके बाद गिल ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है, जिस पर कोर्ट आज यानी बुधवार को सुनवाई करेगा।
गिल ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी की सरकार उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध में झूठे केस में फंसा सकती है। उन्होंने अदालत से उन्हें गिरफ्तारी से राहत देने की मांग की है।
शनिवार को भी विजिलेंस टीम ने चंडीगढ़ स्थित गिल के आवास व मोहाली के खरड़ स्थित उनके कार्यालय पर छापा मारा था। यह कार्रवाई उनके भाजपा में शामिल होने के ठीक एक दिन बाद की गई थी।
गिल ने हाल ही में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। वह पहले शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के करीबी माने जाते थे, लेकिन उन्होंने पार्टी छोड़ते समय आरोप लगाया था कि वफादार कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर बाहरी लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है।
शुक्रवार रात, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपने आधिकारिक आवास पर एक सादे समारोह में गिल को भाजपा में शामिल कराया था।
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