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    Veer Bal Diwas को क्यों किया जाता है याद? क्या है इसका इतिहास, जानिए गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों की संघर्ष की कहानी

    Updated: Thu, 26 Dec 2024 11:36 AM (IST)

    Veer Bal Diwas 2024 वीर बाल दिवस गुरु गोविंद सिंह के चारों साहिबजादों की शहादत को नमन करने का दिन है। 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस (Guru Gobind Singh) के रूप में याद किया जाता है। इस दिन गुरु गोविंद सिंह के छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह ने इस्लाम धर्म कबूल करने से इनकार कर दिया था।

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    Veer Bal Diwas 2024: क्यों याद किया जाता है वीर बाल दिवस, क्या है संघर्ष की कहानी।

    डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। Veer Bal Diwas 2024: पंजाब सहित देशभर में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में याद किया जाता है। सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह के चारों साहिबजादों के सम्मान में वीर बाल दिवस को याद किया जाता है। 

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    गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों ने धर्म के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था। जोरावर सिंह और फतेह सिंह की आज ही के दिन शहादत हुई थी। उन्हें सम्मानित करने के लिए हर साल इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में याद किया जाता है। 

    मुगलों को कर दिया था परेशान

    बता दें कि श्री गुरु गोविंद सिंह के चार बेटे अजीत सिंह, जूझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह थे। उनके छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह ने इस्लाम धर्म कबूल करने से इनकार कर दिया था। मुगल शासक सरहिंद के नवाब वजीर खान ने उन्हें दीवार में जिंदा चुनवा दिया था। उनके त्याग, बलिदान और देश प्रेम के अनूठे बलिदान स्वरूप की शहादत को प्रत्येक बच्चे को अवगत कराने के लिए वीर बाल दिवस 26 दिसंबर को याद किया जाता है।

    बात 1699 की है। जब दसवें गुरु गोबिंद सिंह ने बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी। उनके चारों बेटे भी खालसा पंथ में शामिल हुए थे। मुगल शासक ने गोविंद सिंह को पकड़ने के लिए मुगल शासकों ने पूरा जोर लगा दिया था। 

    लड़ाई में शहीद हो चुके थे दो पुत्र

    इससे उनका पूरा परिवार अलग-थलग पड़ गया। उनके दोनों साहिबजादे अपनी मां के साथ गुप्त स्थान पर छिप गए थे। लेकिन मुगलों ने हर कीमत पर उन्हें पकड़ लिया। मुगलों ने अत्याचार कर उन्हें उनका धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर करने लगे, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से साफ मना कर दिया। इस दौरान गोबिंद सिंह के दो बड़े पुत्र लड़ाई में शहीद हो चुके थे। आखिर में मुगलों ने 26 दिसंबर के दिन बाबा जोरावर साहिब और बाबा फतेह साहिब को जिंदा दीवार में चुनवा दिया।

    26 दिसंबर को मिलेंगे बाल पुरस्कार

    भारत सरकार ने 2022 में हर साल 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में याद करने की घोषणा की थी। पंजाब में विशेष तौर पर स्कूल-कॉलेजों में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। पहली बार गणतंत्र दिवस के बजाय देश के बाल पुरस्कार 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस पर दिए जाएंगे। इस बार पुरस्कृत होने वाले सभी 17 बच्चों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु सम्मानित करेंगी।

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