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    Punjab News: बच्चों के ऑनलाइन यौन शोषण सामग्री देखने और शेयर करने के मामले में दो गिरफ्तार

    Updated: Sat, 28 Jun 2025 01:34 PM (IST)

    पंजाब पुलिस ने बच्चों के ऑनलाइन यौन शोषण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है और 33 संदिग्धों की पहचान की है। यह कार्रवाई गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर से मिली जानकारी के आधार पर की गई। आरोपितों पर बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री देखने और साझा करने का आरोप है जिसके लिए उन्हें कड़ी सजा मिल सकती है।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतिकात्मक प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। जागरण

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। बच्चों के आनलाइन यौन शोषण मामलों में पंजाब पुलिस के साइबर क्राइम डिवीजन ने विभिन्न आननलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से बच्चों के यौन शोषण और दुर्व्यवहार से संबंधित सामग्री (सीएसईएएम) को देखने, प्रसारित करने और साझा करने में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।

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    पुलिस ने दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है तथा 33 संदिग्धों की पहचान की है। यह जानकारी आज डीजीपी गौरव यादव ने दी। यह आपरेशन ‘सीएसईएएम-4’ गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर (आई 4सी) से प्राप्त साइबर टिप-लाइनों के आधार पर 18 जिलों और तीन कमिश्नरेटों में 40 स्थानों पर चलाया गया।

    punjab child abuse

    आम आदमी पार्टी ने इस मामले को लेकर एक्स पर किया पोस्ट

    गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान खन्ना के राजस्थान कालोनी निवासी आकाश बाबू और रूपनगर के मोरिंडा के गांव बूरमाजरा निवासी हरप्रीत सिंह के रूप में हुई है। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि स्टेट साइबर क्राइम सेल ने अपराधियों का पता लगाने के लिए व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम जैसे प्लेटफार्मों से मिले डिजिटल साक्ष्यों का गहन विश्लेषण किया। राज्य भर में 33 संदिग्धों की पहचान की गई और एडीजीपी साइबर क्राइम वी नीरजा के नेतृत्व में फील्ड यूनिट्स की टीमों को कार्रवाई के लिए भेजा गया।

    इस छापेमारी के दौरान दो एफआईआर दर्ज की गईं, 34 मोबाइल फोन जब्त किए गए, जिनका डिलीटेड डेटा पुन प्राप्त करने के लिए फारेंसिक विश्लेषण करवाया जा रहा है। इस मामले में और गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है। जांच के आधार पर आगे और एफआईआर दर्ज की जाएंगी और सीएसईएएम अपराधों में शामिल सभी संदिग्धों को गिरफ़्तार किया जाएगा।

    रिपोर्ट्स का बारीकी से विश्लेषण

    एडीजीपी वी नीरजा ने बताया कि विशेष रूप से व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम जैसे प्लेटफार्मों पर सीएसईएएम सामग्री के आधार पर साइबर टिप-लाइन्स जेनरेट होती हैं। इंस्पेक्टर प्रभजोत कौर के नेतृत्व में स्टेट साइबर क्राइम कार्यालय की सी सी पी यू डब्ल्यू सी यूनिट द्वारा अपराधियों और उनके ठिकानों का पता लगाने के लिए 14सी रिपोर्ट्स का बारीकी से विश्लेषण किया जा रहा है।

    दोनों दर्ज एफआईआर का विवरण साझा करते हुए एडीजीपी ने बताया कि जिला खन्ना के साइबर क्राइम थाना में आई टी एक्ट की धारा 67बी के तहत एफआईआर नंबर 8 दिनांक 26/6/2025 दर्ज की गई है, जिसमें आरोपी आकाश बाबू न केवल सी एस ई ए एम सामग्री देखता था बल्कि इसे अन्य ग्रुप्स में भी शेयर करता था।

    रूपनगर जिले के साइबर क्राइम थाना में आई टी एक्ट की धारा 67 के तहत एफआईआर नंबर 7 दिनांक 26/6/2025 दर्ज की गई है, जिसमें आरोपी हरप्रीत सिंह कथित तौर पर पीड़ित को नग्न तस्वीरें साझा करने के लिए ब्लैकमेल कर रहा था और नाबालिग बच्चों का यौन शोषण कर रहा था। दोनों आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं और डिलीटेड डेटा की जांच की जा रही है।

    एडीजीपी वी. नीरजा ने कहा कि आई टी एक्ट 2000 की धारा 67बी और पोक्सो एक्ट की धारा 15 के तहत बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री देखना, साझा करना या संग्रहित करना गंभीर अपराध है, जिसकी सजा पांच साल तक की कैद और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना है।