चंडीगढ़ : डीएनए से निकला सच, अपहरण कर किशोरी से दुष्कर्म का आरोपित कोर्ट से बरी
चंडीगढ़ की जिला अदालत ने दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी युवक को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। डीएनए जांच में आरोपी और भ्रूण का डीएनए मेल नहीं खाने से यह साबित हुआ कि युवक निर्दोष है। जिला अदालत ने युवक को फंसाने की दलील को स्वीकार किया।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। 16 वर्षीय किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म के बाद गर्भवती करने के मामले में जिला अदालत ने आरोपित युवक को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। भ्रूण के साथ युवक के डीएनए की जांच की गई तो मैच ही नहीं हुआ।
बचाव पक्ष का केस लड़ने वाले एडवोकेट राजकिशोर ने कहा कि युवक को इस मामले में फंसाया गया था। पुलिस के गवाहों के बयान भी आपस में मेल नहीं खा रहे थे। इसके अलावा पुलिस के पास पीड़िता के नाबालिग होने का भी कोई सबूत नहीं था।
युवक पर था किशोरी को भगा ले जाने का आरोप
इससे पहले पुलिस ने पीड़िता के पिता की शिकायत पर केस दर्ज किया था। उसने शिकायत दी थी कि उसके पड़ोस में रहने वाला युवक उसकी बेटी को फसला-फुसला कर घर से भगा ले गया। उसने उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की और आरोपित को पानीपत से गिरफ्तार किया था। पुलिस को पीड़िता भी उसके साथ ही मिल गई। हालांकि अदालत में युवक पर लगे दुष्कर्म के आरोप साबित नहीं हो सके।
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