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    पाकिस्तानियों के भारत छोड़ने का आज अंतिम दिन, वतन वापसी के लिए अटारी बॉर्डर पर लगी कतारें

    भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के कारण पाकिस्तानी नागरिकों को भारत से बाहर निकलने के लिए समयसीमा का सामना करना पड़ रहा है। सार्क वीजा पर आने वालों के लिए समयसीमा समाप्त हो चुकी है जबकि मेडिकल वीजा पर आने वालों के लिए यह आज समाप्त हो रही है। अटारी सीमा पर वाहनों की लंबी कतारें देखी जा सकती हैं।

    By Digital Desk Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Sun, 27 Apr 2025 02:49 PM (IST)
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    अटारी सीमा पर अपने देश जाने के लिए पहुंचे पाकिस्तानी नागरिकों के पासपोर्ट की जांच करते सुरक्षाकर्मी। PTI

    पीटीआई, चंडीगढ़। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam Terror Attack) में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में खटास आ गई है। भारतीय सरकार पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन मोड में है।

    सार्क वीजा पर भारत आने वाले पाकिस्तानी नागरिकों के लिए भारत से बाहर निकलने की समयसीमा 26 अप्रैल को समाप्त हो गई, जबकि मेडिकल वीजा पर आने वालों को छोड़कर बाकी के लिए यह आज यानी रविवार, 27 अप्रैल को समाप्त होने वाली है। पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए मेडिकल वीजा 29 अप्रैल तक वैध हैं।

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    अटारी बॉर्डर पर लगी वाहनों की कतार

    किशोरी सरिता ने रोते हुए कहा, 'मेरी मां भारतीय हैं और उन्हें हमारे साथ पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है,' उसे नहीं पता कि वह उनसे कब मिल पाएगी। वह, उसका भाई और पिता रविवार को अटारी सीमा (Attari Border) पर भारत से बाहर निकलने के लिए कतार में खड़े सैकड़ों लोगों में शामिल थे।

    अमृतसर जिले में अटारी सीमा पर वाहनों की कतार लग गई, क्योंकि पाकिस्तानी नागरिक अपने देश में जाने के लिए दौड़ पड़े। अटारी में अपने पाकिस्तानी रिश्तेदारों को विदा करने के लिए कई भारतीय आए थे और बिछड़ने का दर्द साफ झलक रहा था। सरिता का परिवार 29 अप्रैल को होने वाली एक रिश्तेदार की शादी के लिए भारत आया था।

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    वीजा कैंसिल होने पर फूट-फूट कर रो रहे पाकिस्तानी

    सरिता ने कहा कि हम नौ साल बाद भारत आए हैं। वह, उसका भाई और उसके पिता पाकिस्तानी हैं, जबकि उसकी मां भारतीय है। वे (अटारी के अधिकारी) हमें बता रहे हैं कि वे मेरी मां को साथ नहीं जाने देंगे। मेरे माता-पिता की शादी 1991 में हुई थी। वे कह रहे हैं कि भारतीय पासपोर्ट धारकों को अनुमति नहीं दी जाएगी, उसने फूट-फूट कर रोते हुए कहा।

    अधिकांश पाकिस्तानी नागरिकों ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि वे भारत में अपने रिश्तेदारों से मिलने आए थे। कुछ लोग यहां शादियों में शामिल होने आए थे, लेकिन अब उन्हें बिना शामिल हुए ही घर लौटना पड़ रहा है। जैसलमेर के एक व्यक्ति ने कहा कि उसके मामा, मौसी और उनके बच्चे 36 साल बाद उनसे मिलने आए थे, लेकिन उन्हें समय सीमा से पहले ही वापस लौटना पड़ा।

    उन्होंने कहा कि वे 15 अप्रैल को पाकिस्तान के अमरकोट से 45 दिन के वीजा पर आए थे। किसी को नहीं पता था कि स्थिति ऐसी हो जाएगी। उन्हें अपने सभी रिश्तेदारों से मिलने का समय नहीं मिला। भारत ने चेतावनी दी है कि जो लोग समय सीमा बीत जाने के बाद भी देश से बाहर नहीं निकलेंगे, उन्हें नए अधिनियमित आव्रजन और विदेशी अधिनियम, 2025 के तहत कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

    वीजा रद होने वापस अपने देश लौट रहे पाकिस्तानी

    पेशावर के जनम राज (70) ने कहा कि वे रिश्तेदारों से मिलने के लिए 45 दिन के वीजा पर आए थे। उन्होंने कहा कि मैं तीन सप्ताह पहले देश की अपनी पहली यात्रा पर आया था और देखिए यह कैसे हुआ। दिल्ली के रहने वाले मोहम्मद आरिफ अपनी मौसी को अटारी छोड़ने आए थे।

    पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने मानवता की हत्या की है और उन्हें सार्वजनिक रूप से फांसी दी जानी चाहिए। कराची के एक अन्य पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद सलीम 45 दिन के वीजा पर आए थे, लेकिन अप्रत्याशित भीषण घटनाओं के कारण उन्हें भी अपने साथी नागरिकों की तरह घर वापस लौटना पड़ा।

    पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बुनेर से गुरबक्श सिंह 15 अप्रैल को भारत आए। उन्होंने कहा मेरे चचेरे भाई-बहनों सहित मेरे परिवार के आधे लोग भारत में रहते हैं। पहलगाम में जो हुआ वह पूरी तरह से निंदनीय है।

    उन्होंने (आतंकवादियों ने) मानवता की हत्या की, लेकिन देखिए इसका खामियाजा किसे भुगतना पड़ रहा है। कई पाकिस्तानी थे, जो इलाज के लिए भारत आए थे, लेकिन अब सभी को वापस लौटना पड़ रहा है।

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