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    चंडीगढ़ में दुकानदार को पीटने के मामले में तीन पुलिसकर्मी दोषी करार, विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश

    Updated: Sun, 10 Aug 2025 03:50 PM (IST)

    चंडीगढ़ में पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी ने सेक्टर 22 के एक दुकानदार सोनू गुप्ता को गैरकानूनी हिरासत में रखने और पीटने के मामले में तीन पुलिसकर्मियों को दोषी पाया है। एएसआई उमेद सिंह हेड कॉन्स्टेबल हरजिंदर सिंह और कॉन्स्टेबल राकेश कुमार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की गई है साथ ही उन पर मेजर पेनल्टी लगाने और पुलिस लाइन में ट्रांसफर करने के निर्देश दिए गए हैं।

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    दुकानदार को अवैध हिरासत में रखकर पीटने के मामले में पुलिसकर्मियों पर गिरेगी गाज। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। दुकानदार को सेक्टर 22 पुलिस चौकी में गैर कानूनी तरीके से हिरासत में रखने और उसे बुरी तरह पीटने के मामले में तीन पुलिसकर्मियों पर अब गाज गिरेगी। पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी ने सेक्टर 22 के दुकानदार सोनू गुप्ता की शिकायत पर एएसआई उमेद सिंह, हेड कॉन्स्टेबल हरजिंदर सिंह और कॉन्स्टेबल राकेश कुमार को दोषी करार दिया है।

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    अथॉरिटी ने इन तीनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने और इनपर मेजर पेनल्टी लगाने की सिफारिश की है। अथॉरिटी ने इन्हें पुलिस लाइन में ट्रांसफर करने के भी निर्देश दिए हैं। अथॉरिटी ने इस फैसले में की सिफारिश को एसएसपी को भी भेज दिया है।

    पिछले साल मोबाइल दुकानदार सोनू गुप्ता की दुकान पर एक युवक ने हंगामा किया और उस पर गोली भी चला दी थी। पुलिसकर्मियों ने आरोपित पर कार्रवाई करने की बजाय उल्टा सोनू को हिरासत में रख कर बुरी तरह पीटा। जिसके बाद सोनू ने पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी को शिकायत दी थी।

    यह है मामला

    23 अप्रैल की रात करीब 8:30 बजे जोबनजीत सिंह नाम का युवक तीन मोबाइल बेचने के लिए सोनू गुप्ता की दुकान पर आया था। पहचान पत्र और मोबाइल की जांच के दौरान दो फोन के सिम ट्रे गायब पाए गए। सोनू ने नकद भुगतान से इनकार किया, जिस पर जोबनजीत ने उसे थप्पड़ मार दिया।

    सोनू ने जब अन्य दुकानदारों के साथ मिलकर उसका विरोध किया तो उसने उन पर गोली चलाई, जो खंभे से टकरा गई। सोनू और उनके साथी पास की दुकान में छिप गए और 112 पर फोन कर पुलिस को बुलाया। पुलिस ने पहले तो मामले में एफआईआर दर्ज कर ली।

    बाद में पुलिसकर्मियों ने सोनू और उसके दोस्त करण को पुलिस चौकी बुलाया। वहां रातभर उन्हें एक कमरे में बंद रखा गया, बेल्ट से पीटा गया, 500 बार उठक-बैठक करवाई गई और निजी अंगों पर मिर्च डालने की धमकी दी गई। बाद में सोनू ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ अथॉरिटी को शिकायत दी।