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    चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड में स्थायी चेयरमैन नहीं, करोड़ों रुपये जमा फिर भी लोगों के कार्य अटके

    Updated: Mon, 11 Aug 2025 05:27 PM (IST)

    चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (सीएचबी) में स्थायी चेयरमैन न होने से लोगों के कार्य अटके पड़े हैं। पैसा होने के बावजूद विकास कार्य नहीं हो पा रहे। ऐसे में लोगों ने स्थायी चेयरमैन की नियुक्ति करने की मांग उठाई है। साथ ही यह भी कहा कि जनता के चुने हुए प्रतिनिधि को ही यह जिम्मेदारी सौंपी जाए।

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    हाउसिंग बोर्ड के मकानों में जरूरत के अनुसार बदलाव को नियमित करने की मांग उठ रही।

     जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (सीएचबी) में पिछले 8 वर्षों से स्थायी चेयरमैन नहीं होने से कामकाज और विकास परियोजनाओं में हो रही देरी हो रही है। करोड़ों रुपये जमा हैं लेकिन अब तक खर्च नहीं हुए। इसे लेकर सेकंड इनिंग्स एसोसिएशन ने गंभीर चिंता जताई है। 

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    एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके गर्ग ने प्रशासन को भेजे पत्र में कहा कि स्थायी चेयरमैन न होने से सीएचबी का कामकाज ठप पड़ा हुआ है और अधिकांश वरिष्ठ अधिकारी अतिरिक्त प्रभार पर कार्य कर रहे हैं। केंद्र सरकार से आग्रह किया जाए कि सीएचबी के लिए पूर्णकालिक चेयरमैन की नियुक्ति की जाए ताकि बोर्ड अपने मूल उद्देश्य आवास एवं संबद्ध परियोजनाओं के क्रियान्वयन को दोबारा हासिल कर सके।

    गर्ग ने सीएचबी के वित्तीय वर्ष 2023-24 के बैलेंस शीट का हवाला देते हुए बताया कि बोर्ड के पास विभिन्न विकास कार्यों के लिए प्राप्त अग्रिम जमा राशि वर्षों से बिना उपयोग के पड़ी है और इन्हें देयता (लायबिलिटी) के रूप में दिखाया जा रहा है। 

    इनमें शामिल हैं 

    पुलिस हाउसिंग स्कीम – ₹3.97 लाख

    लिकर वेंड निर्माण – ₹9.96 लाख

    सेक्टर-56 में एएवाई प्रोजेक्ट – ₹1.87 करोड़

    सब सिटी सेंटर, सेक्टर-34 – ₹33.52 करोड़

    पीजीआई रोड निर्माण – ₹3.17 लाख

    पीजीआई में टाइप-V हाउस – ₹13.30 लाख

    नेहरू सेंटर निर्माण – ₹62.35 लाख

    धनास में छोटे फ्लैट – ₹20 लाख

    पीजीआई में टाइप-III हाउस – ₹1.06 करोड़

    मलोया में जनघर और कम्युनिटी सेंटर – ₹1.81 करोड़

    बोर्ड के पास 26 लाख रुपये का परफार्मेंस गारंटी अमाउंट

     सीएचबी पर लगभग 30 करोड़ का ब्याज चंडीगढ़ प्रशासन को देना है, 89 करोड़ हाउसिंग बोर्ड को-आपरेटिव सोसाइटीज को और 2.46 करोड़ एस्टेट आफिस को। बोर्ड के पास 26 लाख रुपये का परफार्मेंस गारंटी अमाउंट भी पड़ा है, जबकि आरजीसीटीपी परियोजना फंड के रूप में 28.85 करोड़ प्रशासन को देय हैं।

    हाउसिंग बोर्ड के शहर में 62 हजार मकान

    शहर में 62 हजार हाउसिंग बोर्ड के मकान हैं जो कि जरूरत के अनुसार बदलाव को नियमित करने की मांग कर रहे हैं। एसोसिएशन ने मांग की है कि सीएचबी को लंबित विकास कार्य तुरंत पूरा करने और खातों की सफाई के निर्देश दिए जाने की भी मांग की है।

    बोर्ड का चेयरमैन लोगों में से किया जाए नियुक्त

    चेयरमैन के पद पर किसी अधिकारी को बिठाया जाता है। जबकि 30 साल पहले इस पद पर किसी जनता के प्रतनिधियों को नियुक्त किया जाता था। सीएचबी बोर्ड के मनोनीत सदस्य शक्तिदेव शाली का कहना है कि अन्य राज्यों की तरह बोर्ड का चेयरमैन किसी लोगों के प्रतिनिधि को ही नियुक्त किया जाए। उनका कहना है कि केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय को इस संबंध में पत्र लिखा जाएगा कि इस पद किसी प्रशासनिक अधिकारी को नियुक्त करने के बजाय किसी प्रतिनिधि को नियुक्त किया जाए।