ITBP Recruitment: दाहिने हाथ पर टैटू के साथ ITBP में नहीं मिलेगी नौकरी, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दिया ये तर्क
दाहिनी बाजू पर टैटू होने पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITPB) भर्ती के लिए अयोग्य घोषित करने वाली याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने खारिज करते हुए तर्क दिया कि विशिष्ट शर्त के मद्देनजर अधिकारियों को याचिकाकर्ता के दावे पर विचार करने का निर्देश नहीं दिया जा सकता है। हाई कोर्ट के जस्टिस जगमोहन बंसल ने याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश पारित किए हैं।

चंडीगढ़, जागरण संवाददाता: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में यह स्पष्ट किया है कि यदि किसी उम्मीदवार की सलामी देने वाली दाहिनी बाजू पर टैटू है तो उसे भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) में शामिल होने के अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
हाई कोर्ट के जस्टिस जगमोहन बंसल ने हरियाणा के हिसार जिले के निवासी मोनू द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश पारित किए हैं। याचिकाकर्ता ने चार अगस्त 2021 के मेडिकल अनफिट सर्टिफिकेट को रद करने के निर्देश देने की मांग की थी।
याचिकाकर्ता ने 2017 के विज्ञापन संख्या एक के अनुसार आइटीबीपी में कांस्टेबल के पद के लिए आवेदन किया था और सभी चरण/परीक्षण पास कर लिए थे। हालांकि, उसे इस आधार पर अनफिट घोषित कर दिया गया कि उसके दाहिने हाथ पर एक टैटू है और विज्ञापन के अनुसार ऐसे उम्मीदवार का चयन नहीं किया जा सकता, जिसके दाहिने हाथ पर टैटू हो।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि टैटू एक इलाज योग्य दोष है
अयोग्य घोषित करने के फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि टैटू एक इलाज योग्य दोष है और याचिकाकर्ता ने इसे साधारण सर्जरी द्वारा हटवा दिया है। इस प्रकार उसे चयन से वंचित नहीं किया जा सकता है, खासकर जब उसने सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं और वह शारीरिक रूप से फिट है। वह किसी बीमारी से पीड़ित नहीं है। ऐसे में, नियुक्ति के लाभ से इन्कार करना अनुचित होगा।
मेडिकल के बाद टैटू हटाना कोई आधार नहीं
आइटीबीपी की तरफ हुए केंद्र सरकार के वकील ने तर्क दिया कि मेडिकल के बाद टैटू हटाना कोई आधार नहीं है क्योंकि प्रतिवादी-अधिकारियों के लिए प्रत्येक मामले पर पुनर्विचार करना संभव नहीं है, जब विज्ञापन में यह विशेष रूप से स्पष्ट किया गया था दाहिने हाथ पर टैटू नहीं होना चाहिए।
याचिका को खारिज करने का दिया फैसला
सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने कहा कि दाहिने हाथ पर टैटू की अयोग्यता की विशिष्ट शर्त के मद्देनजर अधिकारियों को याचिकाकर्ता के दावे पर विचार करने का निर्देश नहीं दिया जा सकता है। इसी के साथ हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज करने का फैसला दिया।
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