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    'पाकिस्तान के PRO की तरह बोलना बंद करें फारूक अब्‍दुल्‍ला...', नेकां अध्‍यक्ष के किस बयान पर भड़के तरुण चुग?

    Updated: Thu, 13 Jun 2024 05:14 PM (IST)

    Punjab News भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पार्टी प्रभारी तरुण चुग (Tarun Chugh) ने फारूक अब्‍दुल्‍ला पर निशाना साधा है। उन्‍होंने कहा कि फारूक अब्‍दुल्‍ला (Farooq Abdullah) ने ऐसे समय में पाकिस्तान के साथ बातचीत का सुझाव दिया है जब पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के संगठित समूहों को भेज रहा है।

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    नेकां अध्‍यक्ष फारूक अब्‍दुल्‍ला पर भड़के तरुण चुग (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पाकिस्तान से उसी तरह से निपटा जाना चाहिए, जिस तरह से वह सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देकर और साजिश रचकर भारत के साथ व्यवहार कर रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पार्टी प्रभारी तरुण चुग (Tarun Chugh) ने नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) की आलोचना की।

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    फारूक अब्‍दुल्‍ला का पाकिस्‍तान से बातचीत का सुझाव गलत: चुग

    चुग ने कहा कि फारूक अब्‍दुल्‍ला ने ऐसे समय में पाकिस्तान के साथ बातचीत का सुझाव दिया है, जब पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के संगठित समूहों को भेज रहा है। चु्ग ने कहा कि मोदी सरकार पहले की तरह ही पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्प है।

    चुग ने की अब्‍दुल्‍ला के बयान की निंदा 

    भाजपा महासचिव ने कहा फारूक अब्दुल्ला को पाकिस्तान आईएसआई के पीआरओ की तरह व्यवहार करना बंद कर देना चाहिए। पहले भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में सोचना चाहिए उन्होंने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए पाकिस्तान से कहने के बजाय अब्दुल्ला भारत को शांति वार्ता के लिए आगे बढ़ाने का सुझाव दे रहे हैं।

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    अब्दुल्ला हमेशा बोलते हैं पाकिस्तान की भाषा: तरुण चुग

    चुग ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब्दुल्ला हमेशा पाकिस्तान की भाषा बोलते रहे हैं और उन्हें जम्मू-कश्मीर के आम आदमी के विकास और तरक्की की कोई चिंता नहीं है। ऐसे समय में जब जम्मू-कश्मीर में पर्यटन अपने चरम पर है, अब्दुल्ला को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की कड़ी निंदा करनी चाहिए। अब्दुल्ला को पाकिस्तान में अपने आकाओं से सीमा पार आतंकवाद रोकने के लिए कहना चाहिए और फिर मोदी सरकार को कोई सुझाव देना चाहिए।