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    पंजाब विधानसभा में हंगामा, सुखपाल खैहरा को स्पीकर ने किया नेम; मार्शलों ने निकाला बाहर

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 08:10 PM (IST)

    पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री भगवंत मान के बोलने से पहले हंगामा हुआ। भुलत्थ के विधायक सुखपाल सिंह खैहरा को बोलने का समय न मिलने पर उन्होंने वेल में आ ...और पढ़ें

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    विधानसभा में नेम होने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस विधायक सुखपाल खैहरा।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत मान के विकसित भारत जी राम जी बिल के खिलाफ बोलने से पहले विधानसभा में भारी हंगामा हुआ। भुलत्थ के विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने बोलने का समय न दिए जाने के विरोध में स्पीकर और सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए वेल में आ गए।

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    जिसके चलते स्पीकर ने सुखपाल खैरा को नेम कर दिया। स्पीकर की इस कार्रवाई पर कांग्रेस के विधायक भड़क गए और उन्होंने सरकार और स्पीकर के खिलाफ अपना रोष जताना शुरू किया। आखिर में मार्शलों ने खैहरा को जबरदस्ती हाउस से बाहर निकाल दिया।

    सदन से बाहर होने के बाद खैहरा ने कहा कि मैं खुश हूं। आज तो मैं स्पीकर से यह पूछना चाहता था कि मैंने उनका व्यक्तिगत रूप से क्या नुकसान किया है। क्योंकि वह सदन में मुझे बोलने नहीं देते। यही नहीं श्री आनंदपुर साहिब में हुए विशेष सत्र के दौरान भी बोलने नहीं दिया था।

    वहीं, सदन में खैहरा मनरेगा की जगह केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कानून विकसित भारत जी राम जी पर बोलना चाहते थे। खैहरा ने हाथ खड़ा किया लेकिन स्पीकर ने मुख्यमंत्री को बोलने की इजाजत दे दी। जिस पर खैहरा जोर-जोर से स्पीकर को बुलाने लगे। स्पीकर द्वारा अनसुना करने पर खैहरा वेल (स्पीकर की सीट के सामने) आ गए और समय मांगा।

    इस दौरान कांग्रेसी विधायक भी वेल में आ गए। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि खैहरा को बोलने का समय दिया जाना चाहिए था क्योंकि उनका नाम वक्ताओं की लिस्ट में है। जबकि स्पीकर ने कहा कि कांग्रेस को तय समय से ज़्यादा समय दिया गया है । सुखपाल खैहरा का नाम सूची में पहले नंबर पर था। इस पर दोनों तरफ़ से तीखी बहस हुई। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी कांग्रेसियों पर तीखे जुबानी हमले किए।

    सदन में काफ़ी हंगामा हुआ। स्पीकर ने खैहरा को नेम कर दिया। जब खैहरा को सदन से बाहर ले जाने के लिए मार्शल आगे आए तो बरनाला के विधायक कुलदीप सिंह काला ढिल्लों और आमदपुर के विधायक सुखविंदर कोटली और दूसरे लोग उन्हें बचाने के लिए आगे आए लेकिन मार्शलों ने उन्हें ज़बरदस्ती हटा दिया।

    कांग्रेसियों के विरोध पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें गरीब और दलितों से नफ़रत है। मुख्यमंत्री ने कांग्रेसियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इन्होंने यहां तक कहा था कि डर्बी घोड़ाें की रेस में टट्टू और खच्चरों को भगाओगे तो ऐसा ही होगा। वड़िंग ने तरनतारन में एक नेता को पट्ठे डालने वाला समेत अन्य शब्द कहे थे।