सिटको की लापरवाही से दस करोड़ रुपये का घाटा, कैग की ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा, जानें किन कारणों से हो रहा नुकसान
सिटको को कैग ऑडिट रिपोर्ट में 10 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा होने का खुलासा हुआ है। आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, ऑनलाइन बुकिंग ...और पढ़ें

सिटको की लापरवाही और गलत नीतिगत फैसलों ने भारी आर्थिक नुकसान हुआ है।
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल एंड टूरिज्म डेवलपमेंट काॅरपोरेशन लिमिटेड (सिटको) की लापरवाही और गलत नीतिगत फैसलों ने भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। यह खुलासा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है, जिसमे 10 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का दावा किया गया है।
आरटीआई एक्टविस्ट आरके गर्ग ने सूचना के अधिकार के तहत यह रिपोर्ट हासिल की है। आरटीआई के जवाब में जारी कैग निरीक्षण रिपोर्ट 2023-24 में खुलासा हुआ है कि निगम को विभिन्न स्तरों पर करोड़ों रुपये का घाटा उठाना पड़ा है।
रिपोर्ट के अनुसार सिटको की अपनी आनलाइन बुकिंग सुविधा ठप रहने के कारण निगम को तीन साल में करीब 2.08 करोड़ रुपये तीसरी पार्टी बुकिंग प्लेटफार्म (मेकमायट्रिप, गोइबिबो, बुकिंग डाॅट काम आदि) को कमीशन के रूप में चुकाने पड़े।
सिटको इस समय होटल माउंटव्यू, पार्कव्यू और शिवालिकव्यू चला रहा है। ऑडिट ने पाया कि यदि निगम की अपनी बुकिंग प्रणाली चल रही होती तो यह राशि बचाई जा सकती थी। इसी प्रकार स्टील डिपो में शून्य बिक्री के बावजूद अतिरिक्त स्टाफ तैनात रखने से निगम को 1.42 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा।
रिपोर्ट में बताया गया है कि बीते दो वर्षों में यहां कोई बिक्री न होने के बावजूद 10 कर्मचारियों को तैनात रखा गया। सुखना झील स्थित कैफेटेरिया में शाप नंबर 6 को किराए पर देने के बजाय खुद बेकरी चलाने के गलत फैसले के कारण सिटको को 37.87 लाख रुपये का नुकसान हुआ। जबकि यह दुकान निजी कंपनी पंजाब एग्रो लेने के लिए तैयार थी।
स्टील डिपो में शून्य बिक्री, फिर भी 10 कर्मचारी तैनात
औद्योगिक विकास विंग के तहत संचालित स्टील डिपो में वर्ष 2024-25 में कोई बिक्री नहीं हुई, जबकि 2023-24 में मात्र 4.43 लाख का मार्जिन रहा। इसके बावजूद यहां 10 कर्मचारियों की तैनाती जारी रही। वेतन और अन्य खर्चों के कारण बीते दो वर्षों में निगम को 1.42 करोड़ का नुकसान हुआ है। आडिट ने खाली पड़ी जगह और संसाधनों के बेहतर उपयोग की जरूरत बताई है।
सुखना लेक पर बेकरी चलाने का फैसला पड़ा भारी
सुखना लेक स्थित कैफेटेरिया की दुकान नंबर-6 को किराये पर देने के बजाय स्वयं बेकरी चलाने का निर्णय भी घाटे का सौदा साबित हुआ। जहां इस दुकान का मासिक रिजर्व रेंट 1.5 लाख तय था, वहीं निगम को संचालन में 3.30 लाख का सीधा घाटा हुआ। साथ ही किराये के रूप में 28.50 लाख और इंटीरियर व उपकरण पर 6.07 लाख खर्च हुए। कुल मिलाकर इस निर्णय से 37.87 लाख का नुकसान हुआ।
दिल्ली गेस्ट हाउस पर 5.78 करोड़ का बोझ
सिटको द्वारा चंडीगढ़ प्रशासन के लिए नई दिल्ली स्थित यूटी गेस्ट हाउस का प्रबंधन बिना किसी औपचारिक समझौते के किया जा रहा है। साल 2011-12 से 2023-24 तक इस पर 4.39 करोड़ खर्च किए गए, जिसकी कोई वसूली नहीं हुई। इसके अलावा ब्याज नुकसान जोड़कर कुल वित्तीय प्रभाव 5.78 करोड़ आंका गया है।
खाली दुकानों से 53.56 लाख का राजस्व नुकसान
ऑडिट में यह भी सामने आया कि सिटको के होटलों, पेट्रोल पंपों और सुखना लेक फूड कोर्ट की कई दुकानें वर्षों से खाली पड़ी हैं। समय पर लीज प्रक्रिया न शुरू करने के कारण निगम को 53.56 लाख के संभावित किराये का नुकसान हुआ। औद्योगिक विकास केंद्र के लिए मिले ग्रांट-इन-एड के लिए अलग बैंक खाता न खोलना भी ऑडिट में गंभीर वित्तीय अनियमितता के रूप में दर्ज किया गया है, जो सामान्य वित्तीय नियम (जीएफआर 2017) का उल्लंघन है।
पुराने ऑडिट पैराग्राफ अब भी लंबित
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि वर्ष 1994-95 से जुड़े 76 आडिट पैराग्राफ अब तक लंबित हैं, जिनमें अनियमित नियुक्तियां, अनावश्यक खर्च और करोड़ों के नुकसान से जुड़े मामले शामिल हैं।आडिट ने सिफारिश की है कि सिटको को तुरंत सुधारात्मक कदम उठाते हुए ऑनलाइन सिस्टम को सक्रिय करना, अनुत्पादक इकाइयों की समीक्षा करना और राजस्व बढ़ाने के लिए खाली संपत्तियों का समयबद्ध तरीके से उपयोग सुनिश्चित करना चाहिए।

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