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    पंजाब में नकली बीज बेचा तो खैर नहीं, 50 लाख जुर्माने सहित तीन साल तक की होगी जेल; मान कैबिनेट का बड़ा फैसला

    Updated: Sat, 26 Jul 2025 02:14 PM (IST)

    पंजाब कैबिनेट ने नकली बीजों की बिक्री को गैर-जमानती अपराध घोषित करने का निर्णय लिया है। सीड (पंजाब संशोधन) विधेयक 2025 को मंजूरी दी गई है जिसके तहत पहली बार अपराध करने पर कंपनी को सजा और जुर्माना होगा। डीलर या व्यक्ति को भी जुर्माने और सजा का प्रावधान है। यह फैसला मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया।

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    शुक्रवार को आयोजित हुई थी कैबिनेट बैठक (फोटो- सीएम मान एक्स हैंडल)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। राज्य में नकली बीजों की बिक्री को गैर-जमानती अपराध बनाने का पंजाब कैबिनेट (Punjab Cabinet) ने निर्णय लिया है। इसके लिए सीड (पंजाब संशोधन) विधेयक 2025 पेश करने को मंजूरी दी है।

    प्रस्ताव के अनुसार, संबंधित कंपनी को पहली बार अपराध करने पर एक से दो वर्ष सजा तथा पांच से दस लाख रुपये तक जुर्माना होगा। दोबारा अपराध करने पर दो से तीन वर्ष सजा तथा 10 से 50 लाख रुपये जुर्माना होगा।

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    डीलर या व्यक्ति को पहली बार अपराध पर छह महीने से एक वर्ष की सजा और एक से पांच लाख जुर्माना, दोबारा अपराध पर एक से दो वर्ष सजा तथा पांच से दस लाख रुपये जुर्माना होगा। इससे पूर्व, पहली बार अपराध पर 500 रुपये जुर्माना, दूसरी बार 1000 रुपये जुर्माना तथा छह माह की सजा थी।

    कैबिनेट बैठक में लिया गया फैसला

    यह निर्णय मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुआई में शुक्रवार को कैबिनेट बैठक में लिया गया। मंत्रिमंडल ने किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ‘सीड (पंजाब संशोधन) विधेयक 2025’ पेश करने को सहमति दी।

    सीड एक्ट 1966 की धारा 19 में शुरू से कोई संशोधन नहीं किया गया था जिसके कारण केवल जुर्माने से अपराध रुक नहीं रहा था इसलिए मंत्रिमंडल ने ‘सीड एक्ट (अधिसूचित किस्मों के बीजों की बिक्री का नियमन)’ की धारा 7 के उल्लंघन के लिए एक्ट में संशोधन और धारा 19ए जोड़ने के लिए एक विधेयक तैयार करने की मंजूरी दी।

    जमीन बिक्री या लीज के लिए मिलेगी जमीन

    इससे जुर्माने में वृद्धि व इस अपराध को गैर-जमानती बनाया गया है। कैबिनेट ने निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए जमीन (बिक्री या लीज पर) उपलब्ध कराने को ढांचा विकसित करने को मंजूरी दी।

    जमीन की मांग करने वाले निवेशकों के लिए जमीन के टुकड़ों की पहचान व प्रबंधन के लिए समयबद्ध प्रक्रिया की कमी थी इसलिए दो-वर्षीय डिजिटल लैंड पूल, 200 करोड़ से अधिक के निवेश के लिए निवेशक सुविधा, संभावना जांच, रिजर्व मूल्य निर्धारण, ई-नीलामी प्रक्रिया, लीज विकल्प, नीलामी समय-सीमा व अन्य विशेषताओं के साथ एक व्यापक प्रक्रिया मंजूरी की गई।