Punjab News: आज से शुरू हो रहा 'सरकार आपके द्वार' कार्यक्रम, CM मान सहित मंत्री व विधायक सुनेंगे लोगों की समस्याएं
राज्य सरकार आज पूरे पंजाब में सभी उपमंडल स्तर पर लोगों की उन शिकायतों को सुनेगी जिनको लेकर प्रशासन स्तर पर उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसा सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के जरिए होगा और इसका ये कार्यक्रम आज से शुरू हो रहा है। बता दें कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जब आम आदमी पार्टी की सरकार अपने दो साल के पूरे होने की कगार पर भी है।
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जब आम आदमी पार्टी की सरकार अपने दो साल के पूरे होने की कगार पर भी है जहां लोगों की नब्ज को टटोलने निकल पड़ी है। वहीं प्रशासनिक सचिवों से लेकर पटवारियों तक लोगों की जवाबदेही भी इसके जरिए तय की जाएगी।
सरकार आज पूरे पंजाब भर में सभी उपमंडल स्तर पर लोगों की उन शिकायतों को सुनेगी जिनको लेकर प्रशासन स्तर पर उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसा ''सरकार आपके द्वार'' कार्यक्रम के जरिए होगा।
सीएम मान, विधायक व मंत्री सुनेंगे लोगों की समस्या
''सरकार आपके द्वार'' की शुरूआत आज मोहाली जिले के गांव भांखरपुर से मुख्यमंत्री भगवंत मान करेंगे और शेष सभी सब डिविजन स्तर पर विभिन्न मंत्री, विधायक और अधिकारी लोगों की समस्याओं को सुनेंगे और उनको मौके पर ही दूर करने की कोशिश करेंगे। मुख्यमंत्री के साथ भी विभिन्न महकमों के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और अतिरिक्त मुख्य सचिव होंगे।
हालांकि मुख्यमंत्री आज दिल्ली गए हुए थे और उन्हें सुबह ही लौटना है। पता चला है कि वह सीधा भांखरपुर में ही जाकर इस कार्यक्रम की शुरूआत करेंगे। इस योजना को निरंतर शुरू करने का इरादा है इसलिए हर सप्ताह या महीने इसको विभिन्न उपमंडलों में अलग अलग गांवों में आयोजित किया जाएगा। अभी इसकी फाइनल रूपरेखा तैयार नहीं हुई है। प्रयोग के तौर पर कल इसकी शुरूआत की जा रही है।
लोगों के घर पहुंच रहीं सेवाओं को भी देखा जाएगा
सरकार के उच्च पदस्थ अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि चालीस तरह की विभिन्न सेवाएं लोगों के घरों तक पहुंचाने की योजना के बाद यह एक और नई शुरूआत है।
अधिकारी ने यह भी बताया कि इस कार्यक्रम के जरिए लोगों के लिए अब तक चलाई गई योजनाओं जिनमें तीन सौ यूनिट निशुल्क बिजली, मोहल्ला क्लीनिक आदि भी शामिल हैं का निचले स्तर पर क्या रिस्पांस है इसको भी देखा जाएगा।
पहले संगत दर्शन, अब सरकार आपके द्वार
दिलचस्प बात यह है कि लगभग इसी प्रकार का कार्यक्रम पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने 1997 में संगत दर्शन के तौर पर शुरू किया था जब बादल किसी एक जगह पर संगत दर्शन करते थे और विभिन्न गांवों की पंचायतें और गणमान्य लोग अपनी शिकायतें लेकर उनके पास आते और वह उन्हें मौके पर ही अफसरों को कहकर उसे पूरा करवाते।
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यही नहीं, बादल मौके पर विभिन्न योजनाओं के तहत उन्हें ग्रांट भी बांटते। हालांकि उनके इस तरह गैर योजनाबद्ध तरीके से पैसे बांटने पर महालेखाकर ने सवाल भी उठाए लेकिन प्रकाश सिंह बादल ने इसे अपने अलग दो कार्यकाल के दौरान भी बरकरार रखा।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ऐसा कोई प्रयोग नहीं किया । उन्होंने चुनाव से पूर्व कैप्टन विद काफी के जरिए विभिन्न वर्गों से बात जरूर की और उनके मुद्दों को समझा लेकिन सरकार में आकर उन्होंने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया।
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