Sakshi Malik और Bajrang Punia की हुई जीत, विधानसभा स्पीकर संधवा बोले- देर से जागा केंद्र
पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने खेल मंत्रालय द्वारा कुश्ती संघ को निलंबित करने के फैसले को केंद्र की तरफ से लोगों के जबरदस्त दबाव के अधीन लिया गया फैसला बताता है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ खिलाड़ियों के साथ हुये यौन शोषण और छेड़छाड़ के गंभीर दोषों को तर्कसंगत ढंग से नतीजे तक पहुंचाया जाये।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने खेल मंत्रालय द्वारा कुश्ती संघ को निलंबित करने के फैसले को केंद्र की तरफ से लोगों के जबरदस्त दबाव के अधीन लिया गया फैसला बताता है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ खिलाड़ियों के साथ हुये यौन शोषण और छेड़छाड़ के गंभीर दोषों को तर्कसंगत ढंग से नतीजे तक पहुंचाया जाये।
पारदर्शी ढंग से नये चुनाव करवाए जाने चाहिए
केंद्रीय खेल मंत्रालय की तरफ से नयी डब्ल्यूएफआई को रद्द करने की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए संधवां ने कहा कि नयी संस्था को तुरंत प्रभाव से खत्म किया जाना चाहिए और पारदर्शी ढंग से नये चुनाव करवाए जाने चाहिए।
संधवां ने जारी एक बयान में पूछा, उन्होंने नयी डब्ल्यूएफआई को खत्म करने से क्यों रोका, जोकि पूर्व प्रमुख का ही रूप (प्रोकसी) था, जिस पर उन खिलाड़ियों की तरफ से गंभीर आपराधिक दोष लगाए गए थे, जिनकी वह नुमायंदगी और सुरक्षा का जिम्मेदार था। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि कोई भी देश तब तक तरक्की नहीं कर सकता, जब तक उसके एथलीट और बेटियों की रक्षा नहीं की जाती।
अपमान होता देखना बड़ा दुखद- संधवा
साक्षी और बजरंग ने जिस तरह नाइंसाफी और अपमान के खिलाफ इस लड़ाई का झंडा बुलंद किया की है, वह मिसाली और हिम्मत की बात है और यह उनकी तरफ से चुनौतियों के सख़्त दौर में भी डटे रहने का नतीजा है।संधवां ने आगे कहा कि किसी भी राष्ट्र के लिए अपने ओलम्पियनों का अपमान और अपमान होता देखना बड़ा दुखद और शर्मनाक है।
एथलीटों को पदक वापिस करते हुये देखना बहुत दुखद
इस सारी प्रक्रिया को भद्दा मज़ाक बताते हुये उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जानती थी कि देश की जनता का भरोसा और हमदर्दी उन एथलीटों के साथ है, जिनको गलत साबित किया जा रहा था। संधवां ने कहा कि हमारे एथलीटों के आंसूओं ने देश को झंझोड़ कर रख दिया है क्योंकि हमारे स्टार एथलीटों को पदक वापिस करते हुये देखना बहुत दुखद था।
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