SGPC प्रधान पद के चुनाव में SAD फिर खेलेगी हरजिंदर सिंह धामी पर दांव, सुखबीर बादल सीनियर नेताओं से ले रहे फीडबैक
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में प्रधान पद के चुनाव के लिए शिरोमणि अकाली दल एक बार फिर से मौजूदा प्रधान हरजिंदर सिंह धामी पर ही दांव खेलने के मूड में हैं। पार्टी प्रधान सुखबीर बादल इन दिनों अपने सीनियर नेताओं कोर कमेटी के सदस्यों आदि से इस संबंधी फीडबैक ले रहे हैं। पार्टी के अंदर बीबी जगीर कौर को भी वापिस लाने की तैयारियां चल रही हैं।

इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। आठ नवंबर को होने वाले शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में प्रधान पद के चुनाव के लिए शिरोमणि अकाली दल एक बार फिर से मौजूदा प्रधान हरजिंदर सिंह धामी पर ही दांव खेलने के मूड में हैं।
पार्टी प्रधान सुखबीर बादल इन दिनों अपने सीनियर नेताओं, कोर कमेटी के सदस्यों आदि से इस संबंधी फीडबैक ले रहे हैं। चूंकि एसजीपीसी के वोट बनाने की प्रक्रिया 21 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है ऐसे में चुनाव से पूर्व पार्टी अपने रूठे हुए नेताओं को फिर से मनाने की कोशिशें भी लगातार कर रही है। इसलिए पार्टी के अंदर बीबी जगीर कौर को भी वापिस लाने की तैयारियां चल रही हैं।
चुनाव में उतरने के लिए कस ली कमर
उधर, शिरोमणि अकाली दल संयुक्त ने भी चुनाव में उतरने के लिए कमर कस ली है। हालांकि जिस तरह से पिछले साल बीबी जगीर कौर को उतारकर एक बड़ी लड़ाई के लिए शिअद डी ने कमर कसी थी इस बार ऐसा कुछ दिखाई नहीं पड़ रहा है।
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पिछले चुनाव में बीबी जगीर कौर पार्टी से बागी होकर ढींडसा ग्रुप की तरफ से चुनाव में उतरी थीं और उन्होंने सभी एसजीपीसी सदस्यों से उनके पक्ष में वोट करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया था लेकिन उन्हें मात्र 42 वोट ही मिले। इसलिए इस बार वैसी रस्साकशी दिखाई नहीं पड़ रही है।
हरजिंदर सिंह धामी को पद पर बनाए रखना चाहता है शिअद
शिरोमणि अकाली दल में एक बड़ा वर्ग हरजिंदर सिंह धामी को ही इस पद पर बनाए रखना चाहता है। उनकी दलील है कि एसजीपीसी के चुनाव सिर पर हैं ऐसे में किसी भी किस्म की छेड़छाड़ कार्यकर्ताओं और नेताओं में नाराजगी को ही बढ़ाएगी। जबकि एक वर्ग एसजीपीसी के लिए गोबिंद सिंह लोंगोवाल को प्रधान बनाने का पक्षधर है।
उनका कहना है कि अकाली दल संयुक्त का दबदबा केवल संगरूर जिले में है ऐसे में उसी जगह से अगर सुखबीर अपना उम्मीदवार खड़ा करते हैं तो इससे ढींडसा को उनके अपने घर में ही मात दी जा सकती है। लेकिन जो लोग पुराने नेताओं के अकाली दल से जाने से व्यथित हैं वे चाहते हैं कि बीबी जगीर कौर को ही फिर से इस पद पर लगाया जाए। पता चला है कि पार्टी के कई सीनियर नेता उनके संपर्क में भी हैं।
एसजीपीसी सदस्य अपनी जमीर की आवाज सुनकर वोट दें
बीबी जगीर कौर ने इस मामले में स्पष्ट उत्तर तो नहीं दिया लेकिन उन्होंने कहा कि पिछले समय में एसजीपीसी, श्री अकाल तख्त और अकाली दल जैसे संस्थान और संगठन कमजोर हुए हैं। इन्हें मजबूत करने वाली आवाज को ही आगे लाना होगा। मैंने पिछली बार भी कहा था कि एसजीपीसी सदस्य अपनी जमीर की आवाज सुनकर वोट दें। गुलाम मानसिकता से बाहर आएं।
बीबी जगीर कौर के अलावा पूर्व महासचिव करनैल सिंह पंजौली को भी कार्यकारिणी में लाने की चर्चा है। बीबी जगीर कौर के अलावा एसजीपीसी के मौजूदा महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल भी प्रधान बनने के लिए हाथ पांव मार रहे हैं।
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