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    Punjab: राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा विधानसभा में पारित रजिस्ट्रेशन बिल 2023, अब संपत्तियों को रजिस्‍टर्ड करवाना होगा अनिवार्य

    Updated: Fri, 19 Jan 2024 07:40 PM (IST)

    पंजाब विधानसभा में पारित किए चार बिलों में से एक रजिस्ट्रेशन बिल 2023 को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया है। पंजाब के स्पेशल चीफ सेक्रेटरी राजस्व के.ए.पी. सिन्हा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि कानून विभाग के माध्यम से यह राष्ट्रपति को भेजा जाएगा क्योंकि रजिस्ट्रेशन एक्ट समवर्ती सूची में है। इस बिल के माध्यम से सरकार सभी तरह की संपत्तियों को रजिस्टर्ड करवाना अनिवार्य होगा।

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    विधान सभा में पारित रजिस्ट्रेशन बिल 2023 को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा में 29 नवंबर 2023 को पारित किए चार बिलों में से एक रजिस्ट्रेशन बिल 2023 को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया है। पंजाब के स्पेशल चीफ सेक्रेटरी राजस्व के.ए.पी. सिन्हा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि कानून विभाग के माध्यम से यह राष्ट्रपति को भेजा जाएगा क्योंकि रजिस्ट्रेशन एक्ट समवर्ती सूची में है।

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    संपत्तियों को रजिस्‍टर्ड करवाना अनिवार्य

    इस बिल के माध्यम से सरकार सभी तरह की संपत्तियों और चल संपत्तियों को रजिस्टर्ड करवाना अनिवार्य होगा। खासतौर पर जब इन्हें बैंक में रखकर कर्ज लिया जाता है। अक्सर देखने में आता है कि बैंक इन्हें रजिस्टर्ड नहीं करवाते। अब सरकार ने इस बिल के जरिए रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य कर दिया है।

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    इस वजह से बनाया गया था ये एक्‍ट

    रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1908 (एक्ट) राज्य सरकारों के लिए रजिस्ट्रेशन फीस वसूलने की व्यवस्था करने के उद्देश्य से बनाया गया था। यह एक्ट निर्विघ्न वसूली और रजिस्ट्रेशन फीसों की वसूली के लिए कुछ प्रबंधों की व्यवस्था करता है। रजिस्ट्रेशन फीस लगाने और वसूलने संबंधी जटिलताओं को दूर करने के लिए, आम लोगों की सुविधा के लिए टाइटल डीड्स, सेल सर्टिफिकेट और सेक्शन 17 की उप-धारा 2 (12) को हटाकर गिरवीनामा का प्रस्ताव है। इसको बेहतर ढंग से लागू करने के लिए यह संशोधन किया जा रहा है।

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    इस बिल के साथ ही स्टैंप ड्यूटी और पावर आफ अटार्नी संबंधी बिल भी पारित करवाए गए थे जो राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने क्लियर कर दिए थे लेकिन रजिस्ट्रेशन बिल पर राष्ट्रपति की मुहर लाजिमी है। इसलिए इस बिल को राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया है। माना जा रहा है कि इसके कुछ समय लटकने के आसार हैं।