Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    झुग्गी से करोड़पति बने रामलाल पर ईडी का शिकंजा, 150 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग केस में चार्जशीट दाखिल

    By Ravi Atwal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Sat, 27 Dec 2025 07:40 PM (IST)

    ईडी ने फाइनेंसर रामलाल चौधरी और बेटे अमित कुमार के खिलाफ चंडीगढ़ जिला अदालत में चार्जशीट दाखिल की है। रामलाल पर अवैध तरीकों से 150 करोड़ से अधिक की सं ...और पढ़ें

    Hero Image

    अवैध तरीकों से 150 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति बनाने के आरोप हैं। ईडी की तीन साल चली जांच।

    रवि अटवाल, चंडीगढ़। सेक्टर-46 के रहने वाले फाइनेंसर और प्राॅपर्टी डीलर रामलाल चौधरी और उसके बेटे अमित कुमार के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चंडीगढ़ जिला अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। रामलाल चौधरी को चार साल पहले चंडीगढ़ पुलिस ने धोखाधड़ी के दो बड़े मामलों में गिरफ्तार किया था। उसके बाद ईडी ने उसके खिलाफ जांच शुरू कर दी। करीब तीन साल तक ईडी ने जांच की।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सूत्रों के मुताबिक रामलाल चौधरी ने पिछले कुछ वर्षों में करोड़ों की संपत्ति बनाई। पुलिस को भी उससे बीएमडब्ल्यू, मर्सडीज जैसी लग्जरी गाड़ियां बरामद हुई थीं। उस पर अवैध तरीकों से 150 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति बनाने के आरोप हैं। वह कभी झुग्गी में रहता था और मजदूरी और रेहड़ी लगाकर मामूली कमाई करता था, लेकिन पुलिस और नेताओं के साथ अच्छे संपर्क बनाकर वह करोड़पति बन गया।

    ईडी की नजर उसकी हर संपत्ति पर है और यह जांच की जा रही है और उसने इतनी संपत्ति कैसे बनाई। रामलाल और उसके बेटे के खिलाफ छह फरवरी से मनी लांड्रिंग का केस शुरू होगा। अदालत ने आरोपितों को अदालत में पेश होने के लिए नोटिस जारी कर दिया है।

    चार साल पहले सुर्खियों में था रामलाल

    चार वर्ष पहले रामलाल का नाम सुर्खियों में आया था। उसके खिलाफ गुरुग्राम के एक कारोबारी अतुल्य शर्मा ने पांच करोड़ की ठगी की शिकायत दी। आरोपित ने निवेश का लालच देकर उससे पांच करोड़ रुपये ठग लिए और बाद में रुपये लौटाने से भी इनकार कर दिया। शर्मा का आरोप था कि उसने मुंबई स्थित अपना घर, गहने बेचकर और लोन लेकर उसे पांच करोड़ रुपये दिए थे।

    इस मामले में पुलिस ने रामलाल को गिरफ्तार किया था। कुछ ही दिनों बाद रामलाल पर धोखाधड़ी की एक और एफआईआर दर्ज की गई। उसके खिलाफ रेवाड़ी के एक रिटायर्ड अधिकारी ने शिकायत दी। उसका आरोप था कि उसे विजिलेंस के एक मामले में राहत देने के नाम पर रामलाल ने उससे छह करोड़ रुपये ठग लिए। इन दोनों मामलों के सामने आने के बाद ईडी ने भी रामलाल और उसके परिवार के खिलाफ जांच शुरू कर दी थी।

    पांच दशक पहले की मजदूरी, अब करोड़पति

    करीब पांच दशक पहले रामलाल चौधरी मजदूरी करता था। वह 1976 में चंडीगढ़ आया था और यहां रामदरबार काॅलोनी में झुग्गी में रहता था। छोटे-मोटे काम कर गुजारा करता था। फिर उसने पुलिस और नेताओं के साथ अच्छे संबंध बना लिए और धीरे-धीरे फाइनेंस का काम करने लगा। सूत्रों के मुताबिक आरोपित ने लोगों को पुलिस के जरिए आपराधिक मामलों में राहत दिलाने के नाम पर खूब कमाई की।

    यहां तक कि पुलिसकर्मियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में भी उसकी भूमिका आने लगी। उसका नाम कई आपराधिक मामलों में भी सामने आया। उस पर दुष्कर्म और हत्या के भी केस दर्ज हुए, हालांकि उनमें वह बरी हो गया। वर्ष 2014 में सेक्टर-49 में एक माडल युवती की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में रामलाल, उसकी बेटी और दो शूटर गिरफ्तार हुए थे, हालांकि सबूतों के अभाव में सभी बरी हो गए थे।