पंजाब की नई संस्कृति, हैरिटेज व पर्यटन नीति बनाएंगे : नवजोत सिद्धू
पंजाब के संस्कृति और पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब सरकार जल्द ही नई संस्कृति, हैरिटेज और पर्यटन नीति लाएगी। उन्हाेंने इस संबंध में कलाकारों व विशेषज्ञों के साथ बैठक की।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब के संस्कृति और पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब की संस्कृति-सभ्यता को बचाने और पर्यटन के विकास के लिए आज विशेषज्ञाें, कलाकारों और विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि पंजाब की संस्कृति को बचाने व पर्यटन के विकास के लिए राज्य सरकार नई नीति लाएगी। हमें पंजाब की संस्कृति व सभ्यता को उसकी खोई गरिमा वापस दिलाना है।
पंजाब की संस्कृति को बचाने के लिए कलाकारों व विशेषज्ञाें से रूबरू हुए सिद्धू
सिद्दू ने कहा पंजाब के कल्चर को बचाना है। इसके लिए नीति पर चर्चा के लिए यह बैठक बुलाई गई। वह आगे इस पर मुख्यमंत्री के साथ बैठक करके आगे की तैयारी करेंगे। सिद्धू ने बैठक में संस्कृति और पर्यटन के विकास को लेकर कलाकारों व विशेषज्ञों की राय ली। मौके पर सिद्धू को एक स्वर में सभी ने कहा कि पंजाबी संस्कृति ही पंजाब को बचा सकती है।
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विशेषज्ञों ने कहा कि युवा पीढ़ी को पंजाबी संस्कृति व सभ्यता तथा ऐतिहासिकता के बारे में पूरी जानकारी देने के लिए प्रयास करने होंगे। इसके लिए कल्चर यूनिवर्सिटी व फिल्मसिटी तथा कल्चर गांवों की स्थापना होनी चाहिए। बैठक में सिद्धू ने सभी विशेषज्ञों की राय सुनी और उनके ऊपर विचार करने के बाद कहा कि एक सप्ताह के अंदर सभी लोग और भी बातों पर गौर कर लें कि इस पहले पर क्या-क्या किया जा सकता है।
नवजाेत सिंह सिद्धू के साथ बैठक में मौजूद प्रतिनिधि।
सिद्धू ने कहा कि विशेषज्ञ और कलाकार सहित सभी प्रतिनिधि इस बारे में लिखित में भी अपने विचार दें। इसके बाद सरकार रूट प्लान तैयार करके पूरा खाका खींचेगी और नई नीति तैयार करेगी। बैठक में गुरमेल सिंह ने कहा कि इससे पहले भी पूर्व सरकारों ने तीन बार कल्चर, हेरीटेज व पर्यटन पालिसी बनाई थी, लेकिन फाइलों से बाहर ही नहीं निकाल पाई।
इस पर सिद्धू ने कहा कि एेसा अब नहीं होगा। अब सरकार अपने वायदों पर खरा उतरना चाहती है। इसलिए एक सप्ताह बाद पर्यटन विभाग नीति बनाकर मुख्यमंत्री के साथ उस पर विचार करेगा। मुख्यमंत्री के साथ विचार करने के बाद कलाकारों व विशेषज्ञों की एक बैठक मुख्यमंत्री के साथ करवाई जाएगी। उसके बाद अंतिम फैसला होगा।
सिद्धू ने कहा कि पंजाब की संस्कृति व सभ्यता कभी खत्म नहीं हो सकती है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इस मामले को लेकर काफी गंभीर हैं। इसलिए भरोसा रखें कि जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। बैठक में पंजाब में बने विरसा विहारों पर भी चर्चा की गई। विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों ने कहा कि इनका निर्माण विरसे को बढ़ाने के लिए किया गया था, लेकिन अब उनके हालों में विरसे को बचाने की बजाय फैशन की सेल रही हैं।
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अस पर सिद्धू ने विरसा विहार में लगने वाले सेलों पर तत्काल रोक लगाने के आदेश दिए। बैठक में लेखक सुरजीत पातर, गायक पम्मी बाई, जसबीर जस्सी, दलजीत सिंह, साध्वी खोसला, सतिंदर सरताज, गुरप्रीत सिंह घुग्घी, गुरनाम सिंह, मनमोहन सिंह, जेवी गोयल सहित तमाम कलाकार व थियेटर से जुड़ी हस्तियां तथा संबंधित विषय के विशेषज्ञ मौजूद थे।
यह मांग उठी व दी गई राय
-गानों में पंजाबी सभ्याचार के खिलाफ प्रयोग किए जा रहे शब्दों पर रोक लगे।
-विरसा विहार में सेल लगाने पर रोक लगाई जाए, उनका इस्तेमाल केवल कल्चर से जुड़े कामों में किया जाए।
-पंजाबी भाषा में कार्टून बनवाकर चैनलों में चलवाएं जाएं।
-कालेज व यूनिवर्सिटी स्तर पर होने वाली गीत संगीत प्रतियोगिताओं में पंजाबी गीत व पंजाबी हस्तियों पर बने गीतों को शामिल किया जाए।
-सरकारी स्तर पर होने वाले बड़े-बड़े समाराहों में केवल पंजाबी कलाकारों की प्रस्तुति करवाईं करवाई जाएं।
-अश्लील गीतों को दिखाने वाले चैनलों को बंद करवाया जाए।
-सांस्कृतिक स्थल बनाएं जाएं।
-हर होटल में शाम को लोकनृत्य करवाए जाएं।
-फिल्मसिटी व सांस्कृति संस्थान बनाए जाएं।
-संगीत संस्थान बनाए जाएं।
-पटियाला के किले की संभाल की जाए और उसे पर्यटन के लिहाज से विकसित किया जाए।
-स्कूलों की कापियों के पीछे पंजाबी के गीत व स्लोगन तथा हस्तियों के बारे में लिखा जाए।
-पंजाब के एनजीओ को पंजाबी कल्चर प्रमोट करने के लिए आर्थिक सहायता देकर जोड़ा जाए।
-पायरेसी एक्टलागू हो।
-चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी बनाई जाए।
-कल्चर यूनिवर्सिटी बनाई जाए।