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    Punjab News: नहीं बदलेगा 60 साल पुराना नेहरू अस्‍पताल का स्‍वरूप, मरीजों का बोझ कम करेगा PGI

    By Jagran NewsEdited By: Himani Sharma
    Updated: Fri, 27 Oct 2023 11:21 AM (IST)

    Punjab News नेहरू अस्‍पताल का स्‍वरूप बदलना मुश्किल है। पीजीआइ निदेशक प्रो. लाल ने कहा नेहरू अस्पताल के मौजूदा ढांचे में मरीजों के बढ़ते बोझ को देखते हुए बदलाव नहीं किया जा सकता। पुरानी इमारत होने के कारण और पर्याप्त जगह न होने के कारण वह दूसरा विकल्प तलाश रहे हैं। केंद्र से मिले 200 करोड़ रुपये वापस कर दिए गए थे।

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    नहीं बदलेगा 60 साल पुराना नेहरू अस्‍पताल का स्‍वरूप (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पीजीआइ नेहरू अस्पताल के सी ब्लाक में हुए अग्निकांड मामले के बाद अब अस्पताल की सभी इमारतों का फायर आडिट शुरू हो गया है। केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रूड़की को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। सीबीआरआइ रूड़की ने पीजीआइ के चार भवनों का फायर आडिट कर दिया है। नेहरू अस्पताल का सात जुलाई 1963 को उद्घाटन किया गया था। 60 वर्ष पुरानी इस इमारत का स्वरूप बदलना मुश्किल है। यह बात पीजीआइ निदेशक प्रो. विवेक लाल ने कही।

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    प्रो. विवेक लाल ने कहा केंद्र सरकार ने नेहरू अस्पताल के नवीनीकरण के लिए 200 करोड़ रुपये दिए थे, लेकिन नेहरू अस्पताल में हर समय हजारों की संख्या में मरीजों का इलाज चलता रहता है, यह अस्पताल दिन-रात काम करता है, ऐसे में अस्पताल को नवीनीकरण के लिए बंद नहीं किया जा सकता था। जिसकी वजह से केंद्र से मिले 200 करोड़ रुपये वापस कर दिए गए थे।

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    पीजीआइ से मरीजों का बोझ कम करने के लिए सारंगपुर बेहतर विकल्प

    पीजीआइ निदेशक प्रो. लाल ने कहा नेहरू अस्पताल के मौजूदा ढांचे में मरीजों के बढ़ते बोझ को देखते हुए बदलाव नहीं किया जा सकता। पुरानी इमारत होने के कारण और पर्याप्त जगह न होने के कारण वह दूसरा विकल्प तलाश रहे हैं। उन्होंने बताया कि नेहरू अस्पताल का बोझ कम करने के लिए पीजीआइ के एक्सपेंशन प्लान के तहत सारंगपुर में मरीजों के लिए नई ओपीडी और नेहरू अस्पताल की तर्ज पर नए सेंटर बनाए जाएंगे। ताकि यहां से मरीजों का कुछ बोझ कम किया जा सके।

    सभी इमारतों में अब ये फायर सेफ्टी नार्म्स अपनाए जाएंगे

    -पीजीआइ के सभी विभाग व सेंटर में फायर सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए अगले एक महीने के अंदर 1700 नए फायर एक्सटिनग्यूशर लगाए जाएंगे।

    -हर सेंटर और इमारत में स्प्रिंकलर और फायर एग्जिट की पूरी व्यवस्था की जाएगी।

    -हर सेंटर और इमारत में मौजूद यूपीएस बैटरी बैकअप सिस्टम को इमारत की उपरी तरफ अलग से कमरे में रखा जाएगा या फिर सेंटर के बाहर इसका विकल्प तलाशा जाएगा।

    -पीजीआइ के हर सेंटर में मौजूद यूपीएस बैटरी बैकअप सिस्टम की जांच की जाएगी, ताकि कोई तकनीकी खामी की वजह से दोबारा ऐसी घटना न हो।

    -पीजीआइ में अब ऐसे फायर सेफ्टी उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा, अगर भविष्य में किसी इमारत या सेंटर में आग लगती है तो पाउडर नुमा एक बाल, सिलेंडर या पैकेट जगह-जगह लगाए जाएंगे, जो आग की गर्मी से फट जाएंगे और इसमें जो पाउडर होगा, वह अपने आप आग पर काबू पाएगा।

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