Punjab News: 826 भगोड़ों को पकड़ने का दावा... मगर अपनों की कलाई में हथकड़ी नहीं पहना पा रही पंजाब पुलिस
पंजाब पुलिस अपने ही विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों को पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है। इनमें से एक अधिकारी तो पिछले दो साल से पुलिस के हाथ नहीं लगा है जो कि नशा तस्करी के मामले में पुलिस को वांछित है। दूसरा अधिकारी पुलिस कस्टडी में गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई की इंटरव्यू करवाने का आरोपित है जोकि पिछले चार महीने से ज्यादा समय से अंडरग्राउंड है।

रोहित कुमार, चंडीगढ़। Punjab Latest News: कहते हैं कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं। पंजाब पुलिस ने बीते 2024 में एनडीपीएस एक्ट के मामलों में 826 भगोड़ों को पकड़ने का दावा किया है। हालांकि, पंजाब पुलिस अपने ही विभाग दो पुलिस अधिकारियों को पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है।
इनमें से एक अधिकारी तो पिछले दो साल से पुलिस के हाथ नहीं लगा है, जो कि नशा तस्करी के मामले में पुलिस को वांछित है। दूसरा अधिकारी पुलिस कस्टडी में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की इंटरव्यू करवाने का आरोपित है, जो कि पिछले चार महीने से ज्यादा समय से अंडरग्राउंड है।
दोनों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी है, लेकिन दोनों को पकड़ने में पुलिस नाकाम है। उधर, बर्खास्त एआईजी राजजीत सिंह को भगोड़ा घोषित करने के बाद अब डीएसपी गुरशेर सिंह को भी भगोड़ा घोषित करने की तैयारी कर रही है।
ड्रग्स और जबरन वसूली के लगे आरोप
बर्खास्त एआइजी राजजीत सिंह हुंदल को 17 अप्रैल, 2023 को बर्खास्त कर दिया गया था। राजजीत सिंह हुंदल 1992 में एक इंस्पेक्टर के रूप में पंजाब पुलिस में शामिल हुए थे और उन्हें 2013 में मेधावी सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक से भी सम्मानित किया गया था। उन पर तब से ड्रग्स और जबरन वसूली के रैकेट चलाने का आरोप है।
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पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की ओर से गठित एक विशेष जांच दल की सीलबंद रिपोर्ट खोलने के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था, जिसमें उन्हें इन गतिविधियों में शामिल बताया गया था। जुलाई 2024 में, मोहाली की अदालत ने उन्हें आय से अधिक संपत्ति के मामले में भगोड़ा घोषित किया।
लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू कराने का आरोप
वहीं, गुरशेर संधू पर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का पुलिस हिरासत में टीवी इंटरव्यू करवाने का आरोप है। उन पर जालसाजी और भ्रष्टाचार के भी आरोप हैं। डीएसपी संधू के बारे में कहा जाता है कि वह विदेश भाग गया है। पंजाब पुलिस ने उसे पिछले साल 2 जून को सेवा से हटा दिया था।
बीते अक्टूबर के बाद संधू की कोई जानकारी नहीं है कि वह कहां है। कहा जा रहा है कि वह विदेश भाग गया है। दोनों आरोपित गिरफ्तारी से बचने में कामयाब रहे हैं। गुरशेर सिंह संधू 2016 बैच के पंजाब पुलिस सेवा (पीपीएस) अधिकारी है।
करियर की शुरुआत 2017 में हुई
गुरशेर सिंह संधू मूल रूप से जालंधर के रहने वाले हैं। गुरशेर सिंह काफी संपन्न परिवार के बताए जाते हैं। संधू पंजाब पुलिस से पहले बीएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट थे बाद में उनका सेलेक्शन पंजाब पुलिस अधिकारी के रूप में हो गया। करियर की शुरुआत 2017 में मोहाली में प्रोबेशनरी अधिकारी के रूप में हुई।
उसके बाद कुछ समय के लिए वह मुल्लांपुर में एसएचओ के रूप में तैनात रहे। प्रोबेशन पूरा करने के बाद संधू को फतेहगढ़ साहिब जिले में अमलोह का डीएसपी बनाया गया।
इसके बाद वह डीएसपी (सिटी-1) मोहाली, डीएसपी (इन्वेस्टिगेशन) मोहाली और डीएसपी (स्पेशल सेल) मोहाली के पद पर रहे। उन्होंने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में अपनी पहचान बनाई। लेकिन संधू पर विवादित संपत्तियों को खरीदने का आरोप भी है। उनके खिलाफ विजिलेंस ने भी जांच शुरू कर दी है।

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