पंजाब के IPS अधिकारी गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने लिया रिटायरमेंट, राजनीतिक पार्टी ज्वाइन करने की है संभावना
पंजाब के आइपीएस अधिकारी गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले ली है। गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने इसकी पुष्टि की है। फिलहाल गुरिंदर सिंह ढिल्लों के पास स्पेशल एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर का चार्ज था। उन्होंने कहा कि वीआरएस लेने के बाद वह अपने आप को पिंजरे से आजाद महसूस कर रहे हैं। उन्होंने पुलिस विभाग में 30 साल तक नौकरी की।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद दो आइएएस और एक आइपीएस ने सरकारी नौकरी को अलविदा कह दिया है। तीनों अधिकारियों ने वीआरएस लिया है। जिन में से एक राजनीतिक पार्टी ज्वांइन कर चुनावी अखाड़े में उतर चुकी है।
30 साल नौकरी करने के बाद लिया वीआरएस
अब 1997 बैच के आइपीएस अधिकारी गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने नौकरी छोड़ दी है। 30 साल नौकरी करने के बाद उन्होंने वीआरएस ले लिया है। जानकारी के मुताबिक वह जल्द ही राजनीति में आ सकते है और चुनाव लड़ सकते है। ढिल्लों से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि वीआरएस लेकर वह खुद ऐसा महसूस कर रहे है जैसे पिंजरे से आजाद हो गए हो।
राजनीति के बारे में जब उन से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस का फैसला परिवार करेगा। ढिल्लों ने कहा कि उन्होंने अपनी 30 साल की सर्विस पूरी कर ली थी। 58 साल की उम्र हो गई थी।
ऐसे में मैंने अपने राइट को फ्रेंचाइज किया है। ढिल्लों को बीते वर्ष ही एडीजीपी बने थे उनके पास विशेष डीजीपी ला एंड ऑर्डर का चार्ज था।
मेरा पूरा कार्यकाल शानदार रहा: ढिल्लों
ढिल्लों ने कहा कि मैं अपनी सेवा के दौरान देश के लिए जो कर सकता था किया। मेरा पूरा कार्यकाल शानदार रहा। ध्यान रहे कि गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने इसी वर्ष आगामी मई माह में सेवानिवृत होना था।
ढिल्लों की तरफ वीआरएस लेने के लिए जो फाइल सरकार को भेजी गई थी उसमें उन्होंने सेहत ठीक न होने का हवाला दिया था।
परमपाल कौर बठिंडा से लड़ेंगी चुनाव
यह पहला मौका नहीं है जब किसी अधिकारी ने वीआरएस ली हो। बीते दिनों आइएएस अधिकारी परमपाल कौर ने भी वीआरएस ली थी। इसके बाद उन्होंने भाजपा ज्वाइंन कर ली थी। पार्टी ने उन्हें बठिंडा से उम्मीदवार बनाया है।
इसी साल 2015 बैच के आइएएस अधिकारी करनैल सिंह ने अपना इस्तीफा सरकार को भेजा था। वह कपूरथला के डीसी रह चुके है। लेकिन कई दिनों से तैनाती न मिलने से नाराज चल रहे थे। उनके सेवानिवृत होने को कुछ ही समय बचा था।
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