Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब हाईकोर्ट में भी AI का इस्तेमाल, अदालत ने प्रॉपर्टी विवाद केस में ली ChatGPT की मदद

    Updated: Tue, 07 Jan 2025 08:18 PM (IST)

    पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने प्रॉपर्टी विवाद के मामले में डीजीपीएस तकनीक की सटीकता को समझने के लिए एआई चैटजीपीटी का सहारा लिया। कोर्ट ने पाया कि डीजीपीएस सेंटीमीटर स्तर की सटीकता प्रदान करता है जो कानूनी विवादों में महत्वपूर्ण है। जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा कि पुराने तरीकों की जगह आधुनिक तकनीक को अपनाना समय की मांग है।

    Hero Image
    पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एआई का इस्तेमाल किया गया। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रॉपर्टी विवाद के एक मामले में 'डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम' तकनीक की सटीकता को समझने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल एआई चैटजीपीटी का सहारा लिया।

    मामला करनाल की एक प्रॉपर्टी के आकार और सीमाओं से जुड़ा था, जिसमें कोर्ट ने नोट किया कि स्थानीय कमिश्नर ने डीजीपीएस तकनीक की मदद से प्रॉपर्टी की सीमाओं को मापा। इससे पहले भी कई बार हाईकोर्ट एआई की मदद ले चुका है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जस्टिस दीपक गुप्ता एआई से पूछा सवाल

    बता दें कि जस्टिस दीपक गुप्ता ने एआई चैटजीपीटी से यह प्रश्न पूछा कि डीजीपीएस तकनीक विवादित प्रॉपर्टी को चिन्हित या सीमांकित करने में कितनी प्रभावी है। एआई चैटजीपीटी टूल द्वारा प्राप्त जानकारी का अध्ययन करते हुए कोर्ट ने माना कि डीजीपीएस सेंटीमीटर स्तर की सटीकता प्रदान करता है।

    यह भी पढ़ें- लॉरेंस बिश्नोई इंटरव्यू मामले में बुरे फंसे गुरशेर सिंह, बर्खास्तगी के बाद अब हाईकोर्ट ने भी खारिज की याचिका

    यह प्रॉपर्टी की सीमाओं को तय करने में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, खासकर कानूनी विवादों में, जहां सटीकता अत्यंत आवश्यक है।

    डीजीपीएस तकनीक को लेकर कोर्ट ने क्या कहा?

    वहीं, डीजीपीएस तकनीक की व्याख्या करते हुए कोर्ट ने कहा डीजीपीएस एक नेटवर्क आधारित तकनीक है, जिसमें ग्राउंड बेस्ड रेफरेंस स्टेशन जीपीएस सैटेलाइट डेटा की तुलना ज्ञात स्थानों से करते हैं। ये स्टेशन करेक्शन फैक्टर्स की गणना करते हैं और इन्हें प्रॉपर्टी साइट पर मौजूद उपकरणों तक भेजते हैं।

    यह भी पढे़ं-  AI के इस्तेमाल को लेकर कानून लाएगी मोदी सरकार? अश्विनी वैष्णव ने संसद में दिया बयान

    जस्टिस गुप्ता ने यह भी कहा कि पुराने तरीकों की जगह आधुनिक तकनीक को अपनाना समय की मांग है। डीजीपीएस तकनीक पुराने पक्के पॉइंट्स विधि से अधिक सटीक और विश्वसनीय है।

    कोर्ट ने खारिज कर दी याचिका

    मामले में स्थानीय कमिश्नर ने विवादित प्रॉपर्टी का क्षेत्रफल 483.10 वर्ग गज पाया, जो पहले की रिपोर्ट से मामूली भिन्न था। कोर्ट ने याचिकाकर्ता द्वारा स्थानीय कमिश्नर और उनके साथ मौजूद जूनियर इंजीनियर से पूछताछ की मांग खारिज कर दी और कहा कि यह मांग न्यायिक विवेक का दुरुपयोग होगी।

    बता दें कि यह पहली बार नहीं है, जब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एआई चैटजीपीटी का सहारा लिया हो, इससे पहले जस्टिस अनुप चितकारा ने जमानत याचिका पर वैश्विक दृष्टिकोण जानने के लिए एआई चैटजीपीटी टूल का उपयोग किया था।

    यह भी पढ़ें- 'सामाजिक मूल्यों के खिलाफ है...', लिव-इन रिलेशनशिप को सुरक्षा देने से हाईकोर्ट ने किया इनकार

    comedy show banner
    comedy show banner