अब धूप के चश्मे पर लगेगा कूलनेस टैक्स पंजाब, हरियाणा हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है कि धूप के चश्मे को सामान्य प्रिस्क्रिप्शन चश्मों के समान नहीं माना जा सकता, इसलिए इन पर वैट लगेगा। अदालत ...और पढ़ें

हाईकोर्ट का फैसला: धूप के चश्मों पर लगेगा वैट, दशकों पुराना विवाद खत्म।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। एक ऐसे फैसले में जिसका सीधा असर ऑप्टिकल रिटेल उद्योग पर पड़ना तय है, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि कर उद्देश्यों के लिए धूप के चश्मे (सनग्लासेस) को सामान्य प्रिस्क्रिप्शन चश्मों के समान नहीं माना जा सकता। अदालत ने कहा कि धूप के चश्मे एक अलग वस्तु हैं और उन पर वैट लागू होगा।
यह अहम फैसला जस्टिस लिसा गिल और जस्टिस मीनाक्षी आई. मेहता की खंडपीठ ने सुनाया। पीठ ने वर्ष 2013 से लंबित कई वैट अपीलों का एक साथ निपटारा करते हुए उस विवाद का पटाक्षेप कर दिया, जो बीते एक दशक से अधिक समय से कर विभाग और ऑप्टिकल व्यापारियों के बीच चला आ रहा था।
इस लंबे विवाद के केंद्र में मूल प्रश्न यह था कि क्या धूप के चश्मे को भी प्रिस्क्रिप्शन वाले चश्मों की तरह “नेत्र सुरक्षा उपकरण” मानते हुए समान कर रियायत दी जा सकती है, या फिर उन्हें एक अलग श्रेणी में रखा जाना चाहिए। ऑप्टिकल डीलरों का तर्क था कि दोनों ही उत्पाद आंखों की सुरक्षा के उद्देश्य से इस्तेमाल होते हैं, इसलिए कर व्यवस्था में उनके साथ समान व्यवहार होना चाहिए।
वहीं, कर विभाग का रुख शुरू से सख्त रहा। विभाग ने दलील दी कि धूप के चश्मे मूल रूप से फैशन एक्सेसरी या सामान्य उपयोग के लिए आंखों को धूप से बचाने वाले साधन हैं, जबकि प्रिस्क्रिप्शन चश्मे चिकित्सकीय जरूरत के तहत निर्धारित सुधारात्मक नेत्र उपकरण होते हैं। इस आधार पर विभाग ने दोनों को अलग-अलग वस्तुएं मानते हुए अलग कर दर लागू करने की बात कही।
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कर विभाग की इसी व्याख्या से सहमति जताई। अदालत ने कहा कि धूप के चश्मे और प्रिस्क्रिप्शन चश्मों की प्रकृति, उपयोग और उद्देश्य अलग-अलग हैं, इसलिए कर कानून के तहत उन्हें एक समान नहीं माना जा सकता। परिणामस्वरूप, धूप के चश्मे पर वैट लगाए जाने का रास्ता साफ हो गया है।
इस फैसले के बाद न केवल वर्षों से चला आ रहा कानूनी विवाद समाप्त हो गया है, बल्कि ऑप्टिकल कारोबार से जुड़े व्यापारियों के लिए कर देनदारी को लेकर स्थिति भी पूरी तरह स्पष्ट हो गई है। साथ ही, यह निर्णय भविष्य में इसी तरह के कर विवादों के लिए एक महत्वपूर्ण नजीर के रूप में भी देखा जा रहा है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।