दिल्ली में मिली हार के बाद पंजाब सरकार ने बदला पैंतरा, भ्रष्ट सिस्टम के खिलाफ अधिकारियों की जमाई फिल्डिंग
दिल्ली में मिली हार के बाद अब पंजाब सरकार ने भी भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सभी प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि दफ्तरों में लोगों को काम करवाने के लिए किसी भी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए। अगर कोई अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद आम आदमी पार्टी ने अब अपना सारा फोकस पंजाब पर कर दिया है।
पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने 11 फरवरी को सभी विधायकों, मंत्रियों और मुख्यमंत्री के साथ जो बैठकें की थी उसमें हालांकि विस्तृत चर्चा नहीं हुई। लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री को पंजाब मॉडल तैयार करने को कहा जिसकी शुरुआत कल कैबिनेट की बैठक में हुए फैसलों को लेकर भी देखी जा सकती है, साथ ही प्रशासनिक तौर पर भी सभी फील्ड अफसरों को भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त निर्देश दिए गए हैं।
12 फरवरी को अधिकारियों के साथ हुई बैठक
सूत्रों ने बताया कि मुख्य सचिव केएपी सिन्हा ने 12 फरवरी को सभी बड़े अधिकारियों के साथ बैठक की जिसमें यह तथ्य सामने आए कि जहां दफ्तरों में लोगों को छोटे-छोटे कामों को करवाने के लिए परेशान होना पड़ रहा है वहीं, काम करवाने के लिए पैसों की मांग भी की जा रही है जिससे सरकार की छवि बिगड़ रही है।
भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने का वादा करके आई आम आदमी पार्टी की सरकार के लिए यह खबर सुखद नहीं है। सरकार को इस बात की शिकायतें मिल रही हैं कि बिना पैसे दिए दफ्तरों में काम नहीं हो रहा है जबकि जब सरकार ने सत्ता में आते ही काम शुरू किया था तब कुछ समय के लिए भ्रष्टाचार रुक गया था।
लेकिन अब न केवल भ्रष्टाचार बढ़ गया है बल्कि बिना पैसे दिए या सिफारिश के बिना काम करवाना ही मुश्किल हो रहा है। ऐसे में केजरीवाल ने विधायकों से 2027 में हर हालत में पंजाब में आप की सरकार बनाने का जो आह्वान किया है उसको चोट पहुंच रही है।
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सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश
मुख्य सचिव की ओर से जारी किए गए निर्देश राज्य के सभी विभागों के प्रशासनिक सचिव,डीजीपी, डिप्टी कमिश्नरों और जिला पुलिस प्रमुखों के साथ साथ एसडीएम और एसएचओ स्तर पर भी भेजा गया है।
आदेशों में कहा गया है कि दफ्तरों में अपना काम करवाने आए लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। उनका काम कम से कम समय में होना चाहिए और उनके साथ व्यवहार में मधुरपन लाया जाए।
आदेशों में आगे कहा गया है कि काम और व्यवहार के बारे में डीसी, एसएसपी, डीएसपी, एसएचओ और एसडीएम आदि की फीडबैक आम जनता, सांसद और विधायकों से ली जाएगी।
अगर किसी के काम भी खामी पाई जाती है तो सर्विस रिकार्ड में उसकी एंट्री की जाएगी। अगर उनका व्यवहार और कामकाज अच्छा साबित हुआ तो उन्हें रिकॉर्ड भी दिया जाएगा।
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