'सख्ती से निपटो, जीवन दांव पर है...', डल्लेवाल की सेहत को लेकर बढ़ी सुप्रीम कोर्ट की चिंता; सरकार को दिए ये आदेश
Farmers Protest सुप्रीम कोर्ट ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत पर चिंता जताई है। डल्लेवाल किसानों के लिए एमएसपी सहित 13 मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। कोर्ट ने पंजाब सरकार को डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता देने का निर्देश दिया है। सरकार को 28 दिसंबर तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है।

पीटीआई, चंडीगढ़। न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित 13 मांगों पर अड़े किसानों के लिए अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को चिंता व्यक्त की और पंजाब सरकार को उन्हें चिकित्सा सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया।
जस्टिस सूर्यकांत एवं जस्टिस सुधांशु धूलिया की अवकाशकालीन पीठ ने डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता देने के आदेश का अनुपालन नहीं करने के लिए पंजाब के मुख्य सचिव (सीएस) एवं पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के विरुद्ध दायर अवमानना याचिका पर पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया।
पीठ ने कहा कि अगर वहां कानून-व्यवस्था की समस्या है तो आपको सख्ती से निपटना होगा। किसी का जीवन दांव पर है। आपको इसे गंभीरता से लेना होगा। चिकित्सा सहायता देनी होगी और धारणा यह है कि आप आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं।
28 दिसंबर तक रिपोर्ट दाखिल करने के दिए निर्देश
शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को 28 दिसंबर तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया, तभी पीठ मामले पर दोबारा सुनवाई करेगी और इस दौरान पंजाब के सीएस एवं डीजीपी को वर्चुअली उपस्थित रहने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिं ने कहा कि डल्लेवाल को अस्पताल शिफ्ट करने के वास्ते समझाने के लिए डीजीपी के साथ आठ कैबिनेट मंत्रियों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदर्शनस्थल पर गया था, लेकिन किसानों ने इसका विरोध किया।
उन्होंने कहा, 'हमने प्रदर्शनस्थल पर हर चीज उपलब्ध कराई है। अगर धक्का-मुक्की होती है तो हम वह जोखिम नहीं उठा सकते।' पीठ ने कहा कि हमें उन किसानों पर गंभीर संदेह है, जो उनके जीवन के प्रति सचेत और चिंतित नहीं हैं।'
राज्य सरकार कर रही गंभीरता से काम: गुरमिंदर सिंह
गुरमिंदर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर बहुत गंभीरता से काम कर रही है। पीठ ने जब पूछा कि क्या केंद्र राज्य सरकार को सहायता दे सकता है, तो सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उसके हस्तक्षेप से जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। मेहता ने कहा कि कुछ लोग उन्हें (डल्लेवाल) बंधक नहीं रख सकते। एक व्यक्ति की जान खतरे में है। राज्य सरकार कदम उठा सकती है।
पंजाब के महाधिवक्ता ने बताया कि जब मंत्रियों का प्रतिनिधिमंडल 24 दिसंबर को डल्लेवाल से मिलने गया था, तो उन्होंने प्रधानमंत्री के नाम एक पत्र दिया था। उन्होंने (डल्लेवाल) कहा है कि अगर कोई बातचीत शुरू होती है, तभी वह चिकित्सा सहायता के लिए तैयार हैं।
20 दिसंबर को दिए थे भर्ती के निर्देश
मेहता ने कहा कि डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।गौरतलब है कि डल्लेवाल 26 नवंबर से खनौरी सीमा पर अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं, ताकि केंद्र पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी सहित किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाया जा सके।
20 दिसंबर को शीर्ष अदालत ने डल्लेवाल के अस्पताल में भर्ती कराने का फैसला पंजाब सरकार के अधिकारियों और डॉक्टरों पर छोड़ दिया था।
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