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    पंजाब में शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर शिकंजा, 430 फीसदी बढ़े चालान

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 06:06 PM (IST)

    पंजाब में शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ विशेष अभियान का असर दिख रहा है। डीजीपी गौरव यादव के अनुसार, इस वर्ष नशे में गाड़ी चलाने पर चालानों की स ...और पढ़ें

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    पंजाब में नशेड़ियों पर नकेल, चालान में रिकॉर्ड वृद्धि। फाइल फोटो

    रोहित कुमार, चंडीगढ़। पंजाब में शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान का असर अब साफ दिखाई देने लगा है। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि मौजूदा वर्ष में नशे की हालत में गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ किए गए चालानों की संख्या में 430 प्रतिशत की रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है।

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    यह बढ़ोतरी इस बात का संकेत है कि अब कानून केवल कागजों तक सीमित नहीं है, बल्कि सड़क पर उतरकर सख्ती से लागू किया जा रहा है। पुलिस के इस रुख का सीधा असर सड़क दुर्घटनाओं और मौतों के आंकड़ों पर भी पड़ा है।

    डीजीपी के अनुसार सड़क सुरक्षा फोर्स के गठन के बाद राज्य में सड़क हादसों में कमी आई है। वर्ष 2023 में जहां सड़क दुर्घटनाओं में 4,829 लोगों की मौत हुई थी, वहीं 2024 में यह आंकड़ा घटकर 4,759 रह गया। इसी तरह कुल दुर्घटनाओं की संख्या भी 6,269 से घटकर 6,063 हो गई है।

    विशेषज्ञों का मानना है कि इन हादसों में कमी का एक बड़ा कारण शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर की गई सख्त कार्रवाई है, क्योंकि नशे की हालत में ड्राइविंग सड़क हादसों का सबसे बड़ा कारण मानी जाती है।

    इस अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। वर्ष 2025 में एसएएस नगर में 22.21 करोड़ रुपये की लागत से सिटी सर्विलांस और ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है, जिससे संदिग्ध वाहनों और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर चौबीसों घंटे नजर रखी जा रही है। ब्रेथ एनालाइजर, ऑटोमेटेड कैमरे और डिजिटल चालान प्रणाली के जरिए कार्रवाई को तेज और पारदर्शी बनाया गया है।

    पंजाब पुलिस नए आपराधिक कानूनों और तकनीक आधारित पुलिसिंग में भी आगे है। न्याय सेतु एप्लीकेशन को लॉन्च करने में पंजाब पहले स्थान पर रहा और सीसीटीएनएस के जरिए अपराधियों की निगरानी को मजबूत किया गया। 20 हजार से अधिक पुलिस कर्मियों को नए कानूनों का प्रशिक्षण दिया गया, जबकि 55 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को तकनीकी सिस्टम से जोड़ा गया है, ताकि शराब पीकर वाहन चलाने जैसे अपराधों पर तेजी से कार्रवाई हो सके।

    पुलिस बल के कल्याण पर भी ध्यान दिया गया है। बुनियादी ढांचे के लिए 11.25 करोड़ रुपये आवंटित किए गए और 741 कर्मचारियों को 10.62 करोड़ रुपये की ऋण सहायता दी गई। इससे पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ा है और वे अभियान को और प्रभावी ढंग से चला पा रहे हैं।

    राज्य सरकार और पुलिस का स्पष्ट संदेश है कि शराब पीकर गाड़ी चलाना अब लापरवाही नहीं, अपराध है और इसके लिए सख्त सजा तय है। इसी सख्ती के कारण पंजाब की सड़कें धीरे-धीरे सुरक्षित बन रही हैं।