Punjab News: बजट सत्र से पहले किसानों को मनाएंगे CM भगवंत मान, कई मांगों को लेकर परेशानी में पंजाब सरकार
Farmers meeting with CM Bhagwant Mann पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान 5 मार्च से चंडीगढ़ में धरना देने की मांग को लेकर अड़े किसान संगठनों के साथ बैठक करेंगे। बैठक में किसान संगठनों की छह फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने की मांग पर चर्चा होगी। भगवंत मान सरकार बजट सत्र में किसी प्रकार का विघ्न नहीं चाहती है।

कैलाश नाथ, चंडीगढ़। पंजाब सरकार के लिए सोमवार तीन मार्च का दिन सामान्य नहीं होगा। एक ओर पंजाब सरकार ने कैबिनेट की बैठक बुलाई हुई है तो दूसरी ओर पांच मार्च से चंडीगढ़ में धरना देने की मांग को लेकर अड़े किसान संगठनों के साथ मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) की बैठक होने जा रही है।
सायं 4 बजे पंजाब भवन में होने वाली इस बैठक में यदि किसान संगठन मान गए तो सरकार की चिंता दूर हो जाएगी और यदि नहीं माने तो आने वाले बजट सत्र में सरकार के लिए सिरदर्द बढ़ने जा रहा है क्योंकि कल ही होने वाली कैबिनेट बैठक में बजट सत्र को लेकर भी फैसला होना है।
माना जा रहा है कि सरकार 11-12 मार्च को बजट सत्र बुला सकती है। वहीं, किसान संगठनों ने भी सरकार के साथ बैठक से पूर्व 12 बजे बैठक करने का निर्णय लिया है।
क्या है सरकार की परेशानी?
सरकार के लिए मुख्य परेशानी किसान संगठनों की छह फसलों मटर, आलू, गोभी, बासमती, मूंग व मक्की पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने की मांग है।
गोभी के मूल्य इस बार 50 पैसे से भी नीचे चले गए थे जिस कारण किसानों को अपनी फसल पर ट्रैक्टर चलाना पड़ा। किसान संगठनों की अन्य मांगों में कर्ज माफी व वन टाइम सेटलमेंट शुरू करने की भी मांग है। इसके अतिरिक्त अन्य मांगें भी हैं।
बैठक करके सरकार से बातचीत करेंगे किसान नेता
भारतीय किसान यूनियन के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने बताया कि सरकार की ओर से भेजा गया न्योता उन्हें मिल चुका है। किसान नेता पहले 12 बजे बैठक करके अपनी मांगों को अंतिम रूप देंगे। उसके बाद सरकार से बातचीत की जाएगी।
पंजाब सरकार पर इस बात को लेकर भी दबाव है कि पड़ोसी राज्य हरियाणा 23 फसलों को एमएसपी पर खरीद रही है जबकि पंजाब में ऐसा नहीं है।
किसान संगठनों के दबाव में पंजाब सरकार केंद्र सरकार की मंडी को लेकर ड्राफ्ट पालिसी विधानसभा में रद कर दी थी। इसे लेकर पंजाब सरकार पहले ही केंद्र सरकार के समक्ष अपना विरोध दर्ज करवा चुकी थी।
बजट सत्र में बाधा नहीं चाहती है सरकार
पंजाब सरकार बजट सत्र में किसी प्रकार का विघ्न नहीं चाहती है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री ने सोमवार को ही किसान संगठनों को बैठक के लिए बुला लिया है। यह पहला अवसर नहीं है जब ऐसा हो रहा हो। दो सितंबर 2024 को भी भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ने चंडीगढ़ के सेक्टर 34 के प्रदर्शनी मैदान में धरना लगा दिया था।
उसी दिन चंडीगढ़ में किसानों ने महापंचायत भी की थी और सेक्टर 34 से मटका चौक तक मार्च भी निकाला था। इससे पहले चंडीगढ़ में 2006 में अंतिम बार इस प्रकार का प्रदर्शन किया गया था। धरने के दौरान पूरे शहर की यातायात व्यवस्था चरमरा गई थी। ऐसा दोबारा हो, सरकार यह नहीं चाहती है।

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