Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    विकसित भारत जी राम जी योजना को विधानसभा में लाकर विरोध करने वाला पहला राज्य बना पंजाब, संघीय ढांचे पर बताया हमला

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 10:57 PM (IST)

    पंजाब विधानसभा ने मनरेगा की जगह लाए गए 'विकसित भारत जी राम जी' कानून को बहुमत से खारिज कर दिया। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे गरीब, दलित और राज्य विरोध ...और पढ़ें

    Hero Image

    पंजाब विधानसभा ने 'विकसित भारत जी राम जी' कानून को खारिज किया।

    इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। भाजपा नीत राष्ट्रीय गठबंधन सरकार की ओर से मनरेगा को खत्म करके लाए गए विकसित भारत जी राम जी कानून के बिल के खिलाफ आज पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव लाकर उसे बहुमत से खारिज कर दिया जिस समय यह बिल पारित किया जा रहा था उस समय भाजपा के सदन में एकमात्र सदस्य अश्विनी शर्मा भी गैर हाजिर थे जबकि इस पर हुई बहस में उन्होंने हिस्सा लिया और मनरेगा की खामियों को उजागर किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चार घंटे से ज्यादा चली इस बहस में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने नए कानून का तीखा विरोध करते हुए इसे फैडरल ढांचे के खिलाफ बताया और कहा कि यह योजना राज्यों का गला घोंटने की केंद्र सरकार की एक और चाल है।हालांकि बहस की शुरूआत मनरेगा को खत्म करने को लेकर शुरू हुई थी लेकिन वक्ताओं ने इसे अनुसूचित जाति के साथ धक्केशाही बताने पर सारा जोर लगा दिया।

    बहस को समेटते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जहां भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला किया वहीं, कांग्रेस की प्रांतीय लीडरशिप पर तीखे शब्दों में प्रहार किए। उन्होंने मनरेगा की जगह योजना का नाम जी राम जी करने को लेकर कहा कि अगर इस योजना में कोई घोटाला हुआ यह तो क्या हम भगवान राम लेकर कहेंगे कि जी रामजी योजना में घोटाला..।

    उन्होंने कहा कि यह योजना पूरी तरह से गरीब विरोधी , दलित विरोधी और राज्य विरोधी है।उन्होंने आगे कहा कि अभी तो केंद्र सरकार ने कांग्रेस को नाम में उलझाया हुआ है, उन्हें यह समझ ही नहीं आ रहा है कि केंद्र सरकार ने कानून की आत्मा ही मार दी है। उन्होंने कहा कि जब डा मनमोहन सिंह ने इस कानून को बनाया था तो यह बिल दो बार सिलेक्ट कमेटी के पास बहस के लिए गया।

    लोक सभा और राज्य सभा में अच्छी बहस होने के बाद इसे पारित किया गया लेकिन यहां 14 घंटों में ही इसे रद करके नया कानून बना दिया। भगवंत मान ने कहा कि हम तो फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की गारंटी करने की मांग को लेकर धरने दे रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार ने तो जिस कानून में मजदूरों को लीगल गारंटी दी हुइ थी उसे ही खत्म कर दिया।
    आम आदमी पार्टी की ओर से जी राम जी योजना के खिलाफ मनरेगा वर्करों से हस्ताक्षरित दस लाख फार्म भरवाने को लेकर कहा कि इसे प्रधानमंत्री को न भेजें।

    पता चले कि उन्होंने इन दस लाख लोगों का नाम ही वोटर सूची से हटा दिया गया है। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में पिछले चार सालों से केंद्र सरकार मनरेगा योजना के तहत पैसा नहीं दे रही है।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की सारी योजनाएं ही गरीब विरोधी हैं। पहले अग्निवीर लाए, जिनका पहला बैच जल्द ही रिटायर होने वाला है।योजना का विरोध न करने को लेकर भगवंत मान ने अकाली दल की आलोचना की और कहा कि उन्होंने तो भाजपा की सारी गलतियों को फ्रीज ही कर दिया है। इन्होंने गुरु गोबिंद सिंह जी का कार्टून बनाकर डाल दिया तब ये कुछ नहीं बोले।

    वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि केंद्र की नीतियां संविधान की प्रस्तावना (प्रीएंबल) को कमजोर कर रही हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि संविधान की प्रस्तावना, जो राष्ट्र के बुनियादी सिद्धांतों एवं मूल्यों-कीमतों को दर्शाती है, को केंद्र की नीतियों द्वारा कमजोर किया जा रहा है। कहा कि केंद्र सरकार हर स्कीम का केंद्रीकरण करके देश के मजदूरों को ‘बंधुआ मजदूर’ एवं केंद्रीय प्रणाली के ‘गुलाम’ बनाने की कोशिश कर रही है।
    तरुणप्रीत सिंह सोेंद ने पेश किया प्रस्ताव

    इससे पहले ग्रामीण विकास मंत्री तरुण प्रीत सिंह सोंद ने विधानसभा में मनरेगा को खत्म करके विकसित भारत जी राम जी प्रस्ताव पेश किया और कहा कि यह योजना राज्यों को आर्थिक रूप से गुलाम बनाने वाली है। इस योजना को लागू करने से पंजाब जैसे राज्य पर 600 करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सदन में इस योजना का विरोध कर रही है लेकिन कल संसदीय कमेटी की बैठक जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस के सांसद करते हैँ ने बैठक में इसको लेकर एक शब्द भी नहीं बोला।

    स्वास्थ्य मंत्री डा बलबीर सिंह ने जी राम जी योजना को मुंह में राम बगल में छूरी बताते हुए कहा कि पिछले तीन साल से लगातार मनरेगा में पैसा कम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पैसा कहां खर्च होना है अब यह केंद्र सरकार तय करेगी न कि ग्राम सभा। निर्दलीय विधायक राणा इन्द्रप्रताप सिंह ने कहा कि मनरेगा में पैसे की कोई लिमिट नहीं थी लेकिन अब बजट केंद्र तय करेगा। जी राम जी कानून की धारा चार और छह में कहा गया है कि जो राज्य फालो नहीं करेगा उसके डेवलपमेंट के फंड रोक दिए जाएंगे।