पेड़ों में कील ठोकी और टांग दिया होर्डिंग, मामले में अब हाई कोर्ट ने पंजाब-चडीगढ़ और हरियाणा से मांगा जवाब
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाली और पेड़ों के संरक्षण को लेकर दायर जनहित याचिका पर पंजाब हरियाणा और यूटी चंडीगढ़ प्रशासन से जवाब मांगा है। याचिका में पेड़ों पर सजावटी रोशनी बिजली के तार और धातु की कीलें लगाने पर रोक लगाने की मांग की गई है क्योंकि इससे पेड़ों को पारिस्थितिकी नुकसान पहुंच रहा है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाली और पेड़ों के संरक्षण को लेकर दायर जनहित याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और यूटी चंडीगढ़ प्रशासन से जवाब तलब किया है।
याचिका में सजावटी रोशनी, बिजली के तार और धातु की कीलें लगाने की अनियंत्रित प्रथा पर रोक लगाने की मांग की गई है। यह याचिका पंचकूला निवासी पर्यावरण कार्यकर्ता मनमोहन सिंह ने दायर की है। सुनवाई के दौरान याची के वकील मोहम्मद अरशद ने बताया कि यह प्रथा पेड़ों को गंभीर पारिस्थितिकी नुकसान पहुंचा रही है।
सजावटी सामग्रियों और कीलों के कारण पेड़ों की छाल में घाव हो जाते हैं, जिससे वे थर्मल व यांत्रिक चोटों के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं। ये घाव फंगल संक्रमण का कारण बनते हैं, जो पेड़ों की जीवन शक्ति को कमजोर करते हैं।
याचिका में कहा है कि यह सौंदर्य संबंधी मुद्दा नहीं है, बल्कि पर्यावरण संतुलन के लिए खतरा है। कोर्ट ने सरकारों से पूछा है कि इस प्रकार की क्षति पर अब तक क्या कदम उठाए गए हैं।
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