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    बिजली कर्मियों ने कहा- निजीकरण नहीं रुका तो नहीं थमेगा आंदोलन

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 22 Feb 2022 09:16 PM (IST)

    हड़ताल की वजह से वैकल्पिक व्यवस्था के लिए प्रशासन ने पंजाब और हरियाणा से इंजीनियर कर्मचारी मांगे थे। यूटी प्रशासन के आग्रह पर पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशनज लिमिटेड ने 89 इंजीनियर व कर्मचारियों को चंडीगढ़ जाने के आदेश दिए। लेकिन एक भी कर्मचारी एवं इंजीनियर चंडीगढ़ नहीं आया।

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    बिजली कर्मियों ने कहा- निजीकरण नहीं रुका तो नहीं थमेगा आंदोलन

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ :

    हड़ताल की वजह से वैकल्पिक व्यवस्था के लिए प्रशासन ने पंजाब और हरियाणा से इंजीनियर कर्मचारी मांगे थे। यूटी प्रशासन के आग्रह पर पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशनज लिमिटेड ने 89 इंजीनियर व कर्मचारियों को चंडीगढ़ जाने के आदेश दिए। लेकिन एक भी कर्मचारी एवं इंजीनियर चंडीगढ़ नहीं आया। कर्मियों ने आदेश जारी करने वाले निगम के खिलाफ ही मोर्चा लगा दिया। नेशनल को-आर्डिनेशन कमेटी आफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाईज एंड इंजीनियर के वरिष्ठ सदस्य व इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाईज फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने सेक्टर-17 में कर्मचारी रैली को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बुधवार को हरियाणा के बिजली कर्मचारी चंडीगढ़ पहुंच कर हड़ताली कर्मचारियों का हौसला अफजाई करेंगे और एकजुटता प्रकट करेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल किया कि जब उपभोक्ता व कर्मचारी निजीकरण का विरोध कर रहे हैं तो किस की मांग पर निजीकरण किया जा रहा है। 20 हजार करोड़ की अनुमानित संपत्ति को 871 करोड़ में क्यों बेचा जा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि पिछले पांच साल से बिजली के रेट न बढने के बावजूद पिछले सात सालों में एक हजार करोड़ से ज्यादा मुनाफा कमाने और उपभोक्ताओं को अबाधित बिजली सप्लाई करने वाले बिजली विभाग का निजीकरण क्यों किया जा रहा है। इससे सरकार की मंशा का स्पष्ट पता चलता है कि निजीकरण किसको फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।रैली में आरडब्ल्यूए, पिड संघर्ष समिति, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, कांग्रेस, आप और अकाली दल के प्रतिनिधि शामिल हुए। यूनियन के प्रधान ध्यान चंद व महासचिव गोपाल दत्त जोशी ने दो टूक शब्दों में कहा कि जबतक केन्द्र सरकार निजीकरण का फैसला वापस नहीं लेगी आंदोलन जारी रहेगा।

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