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    चंडीगढ़ में पुलिस ने शराबी पकड़ा, जज बोले-चार दिन गौशाला में सेवा कराओ

    Updated: Sat, 16 Aug 2025 02:08 PM (IST)

    चंडीगढ़ में सार्वजनिक स्थान पर शराब पीने वालों को अब सामुदायिक सेवा की सजा मिल रही है। एक मामले में अदालत ने एक शराबी को गौशाला में चार दिनों तक सेवा करने का निर्देश दिया। ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को भी ऐसी सजा मिल चुकी है जिसमें चौराहे पर खड़े होकर लोगों को जागरूक करना शामिल है।

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    इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 की गौशाला में चार दिनों तक दो-दो घंटे सेवा करने के निर्देश(

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। सार्वजनिक स्थान पर शराब पीने वालों को अब सामुदायिक सेवा की सजा दी जा रही है। किसी को गौशाला तो किसी को बुजुर्गों की सेवा के लिए ओल्ड एज होम में भेजा जा रहा है। इसी महीने में पांच-छह लोगों को ऐसी सजा मिल चुकी है। एक अन्य मामले में जिला अदालत ने एक शराबी को गायों की सेवा के लिए गौशाला भेज दिया।

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    आरोपित कैंबवाला का रहने वाला 43 वर्षीय राजकुमार है। सेक्टर-3 थाना पुलिस ने 12 जुलाई को उसके खिलाफ केस दर्ज किया था। केस के मुताबिक पुलिस की टीम कैंबवाला में पेट्रोलिंग कर रही थी। रात करीब 10 बजे पुलिस ने एक व्यक्ति को शराब पीते पकड़ा।

    पुलिस को देखकर उसने बोतल फेंकने की कोशिश की। पुलिस ने उसे रोका और उससे पूछताछ। फिर उसका मेडिकल करवाकर उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया। जब अदालत में केस पहुंचा तो जज ने उसे दोषी करार देते हुए इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 की गौशाला में चार दिनों तक दो-दो घंटे सेवा करने के निर्देश दिए।

    गौशाला में यह काम कर रहे दोषी

    इसी महीने में अदालत में कई लोगों को ऐसी सजा सुनाई है। हाल ही में एक शख्स को सेक्टर-45 की गौशाला में सेवा करने भेजा गया था। वहां उससे गौशाला में कीटनाशक स्प्रे करना, झाड़ू लगाना और गायों को चारा डालने आदि जैसे काम करवाए गए। उनसे मंदिर की सफाई भी करवाई जाती थी। हालांकि यह लोग खुद भी पूरी लगन से सजा भुगत रहे थे।

    ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को भी मिल चुकी यह सजा

    कुछ महीने पहले ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को भी अदालत ने ऐसी ही सजा सुनाई थी। कुछ लोगों को अदालत ने चौराहे पर खड़े होकर लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करने के निर्देश दिए थे। यह वे लोग थे जिनके नाम पर कई-कई चालान लंबित थे। कुछ तो ऐसे थे जिनके 400 से ज्यादा ट्रैफिक चालान लंबित थे। उनसे अदालत ने जुर्माना तो लिया ही था, उनसे सामुदायिक सेवा भी करवाई थी।