दो बेटियों की शादी कैसे करती, इसलिए मां ने कर दी तीन वर्षीय पीहू की हत्या
तीन वर्षीय बेटी की निर्मम हत्या कर उसे फेंकने की दोषी मां को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। दोषी मां पर 10 हजार जुर्माना भी लगाया गया है। ...और पढ़ें

जेएनएन, चंडीगढ़। सारंगपुर निवासी तीन साल की मासूम पीहू की हत्या के मामले में दोषी मां को चंडीगढ़ जिला अदालत ने मंगलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा कोर्ट ने दोषी मां पर 10 हजार का जुर्माना भी लगाया है। इससे पहले जिला अदालत ने सुनवाई प्रक्रिया के बाद बीते शुक्रवार को 40 वर्षीय मां मंजू देवी को दोषी करार दिया था।
इससे पहले मंजू देवी को पुलिस टीम दोपहर करीब 2.40 बजे कोर्ट लेकर पहुंची थी। सूत्रों की माने तो इस दौरान उसके साथ उसका पति भी मौजूद था। हालांकि उन्होंने मीडिया से किसी तरह की बातचीत नहीं की और किसी सवाल का जवाब भी नहीं दिया, जबकि दोषी मंजू को कोर्ट ने करीब 5 बजे उम्र कैद (आजीवन कारावास) व 10 हजार जुर्माने की सजा सुनाई।
2016 में हुई थी मंजू की गिरफ्तारी
पुलिस एफआइआर के अनुसार वर्ष 2016 में मंजू देवी के खिलाफ आइपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत केस दर्ज हुआ था। सारंगपुर थाना पुलिस में दर्ज मामले के अनुसार अप्रैल 2016 में सारंगपुर से लापता तीन वर्षीय बच्ची का शव संदिग्ध परिस्थितियों में इंडस्ट्रियल एरिया फेज-2 में मिला था। पुलिस एफआइआर के बाद तलाश में बच्ची का शव एक बोरी में मिला जिसको कुत्ते नोच रहे थे। परिजनों द्वारा बच्ची की पहचान करने के बाद पुलिस ने अपनी जांच के दौरान आरोपी मां को गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस ने दावा किया था कि उनकी जांच में सामने आया कि मंजू देवी के चार बच्चे थे। इनमें सबसे बड़ी बेटी के बाद दो बेटे थे। तीन साल की पीहू सबसे छोटी थी। पूछताछ में मंजू ने बताया कि वह अक्सर डिप्रेशन में रहती थी कि दो-दो बेटियों का खर्चा वह कैसे उठाएगी। कैसे उन्हें पढ़ाएगी और कैसे उनकी शादी करेगी। इसके बाद उसने छोटी बेटी को चुना।
उसने 11 अप्रैल को उसका मुंह दबाकर उसकी हत्या करने के बाद शव बोरी में बंद कर इंडस्ट्रियल एरिया में फेंक दिया। कुत्तों द्वारा नोंची गई बॉडी मिलने के बाद पुलिस ने जांच की तो पाया कि बच्ची से कोई गलत काम नहीं हुआ था। इसके बाद पुलिस ने उसकी हत्या के पीछे का कारण तलाशना शुरू किया। पुलिस ने आरोपी महिला के घर में वारदात में इस्तेमाल बोरी भी बरामद कर लिया था।

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