नौ माह की चाहत को मदद की दरकार, पैसे न होने पर PGI ने किया इलाज से इन्कार
वजन बढ़ने की बीमारी से ग्रस्त नौ माह की बच्ची चाहत का इलाज पीजीअाइ में भी नहीं हो पाया। उसके पिता इलाज के लिए दो लाख रुपये जमा नहीं कर पाए तो पीजीआइ ...और पढ़ें

जेएनएन, चंडीगढ़। गंभीर बीमारी से जूझ रही नौ माह की चाहत का पैसे की कमी के कारण पीजीआइ ने इलाज करने से मना कर दिया। चाहत कर वजन चार माह की उम्र से ही लगातर बढ़ रहा है। उसका वजन 20 किलोग्राम तक पहुंच गया है। अमृतसर की रहने वाली चाहत के जीन के सैंपल की टेस्टिंग के लिए दाे लाख रुपये की जरूरत थी। यह रकम उसके पिता सूरज नहीं जुटा पाए तो पीजीआइ के डॉक्टरों ने इलाज से हाथ खड़े कर दिए कि बिना पैसे इलाज नहीं होगा।
नौ माह की मासूम को मोटापे की गंभीर बीमारी, सैंपल टेस्टिंग के लिए दो लाख चाहिए
केबल ठीक करने का काम करने वाले सूरज को इसी कारण अमृतसर वापस जाना पड़ा। जाने के बाद वह 15 हजार रुपये ही जुटा पाए। उन्होंने लोगों से भी अपील की कि कोई वित्तीय रूप से उनकी मदद करे ताकि वह अपनी बेटी को नई जिंदगी दे सके। परिजनों ने चाहत की मदद के लिए 9888084583 नंबर जारी किया है।
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माता-पिता के साथ बच्ची चाहत।
सैंपल भेजे जाने हैं इटली और स्पेन
पिता सूरज ने बताया कि पहले डॉक्टर कह रहे थे कि सैंपल जांच के लिए बेंगलूरु भेजे जाने हैं। अब कह रहे हैं कि हो सकता है कि सैंपल जांच के लिए विदेश में इटली या स्पेन भेजे जाएं। दो लाख तो खर्चा आना तय है।
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चार माह बाद वजन बढ़ना शुरू हुआ
परिजनों ने बताया कि चाहत का वजन चौथे माह में 9 किलोग्र्राम था। छठे माह बढ़कर 15 किलाेग्राम और 9वें माह बढ़कर 20 किलोग्राम हो गया। पिता सूरज के चचेरे भाई मलकीत को भी मोटापे की बीमारी है। उनका वजन भी असामान्य रूप से 14 साल की उम्र में करीब 70 किलो है। उनके जीन सैंपल भी टेस्टिंग के लिए डॉक्टर ले चुके हैं, लेकिन पैसे की कमी के चलते चाहत और उनके चाचा के सैंपल टेस्ट नहीं हो रहे हैं। चाहत की दादी का वजन भी करीब 100 किलोग्राम है।

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