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    पेट्रोल पंप पर मर्डर केस: SIT की क्लीन चिट पर सवाल, हाईकोर्ट ने 6 आरोपियों को तलब करने का आदेश बरकरार रखा

    Updated: Wed, 13 Aug 2025 03:45 PM (IST)

    पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 2020 के तरनतारन पेट्रोल पंप हत्याकांड मामले में ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा जिसमें छह और लोगों को मुकदमे के लिए तलब किया गया था। अदालत ने स्पष्ट किया कि एसआईटी रिपोर्ट बाध्यकारी नहीं है और सभी आरोपियों के खिलाफ आरोपों की जांच की जाएगी। याचिकाकर्ताओं के घटनास्थल पर मौजूद न होने के दावे का परीक्षण सबूतों के आधार पर होगा।

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    पेट्रोल पंप पर मर्डर केस में एसआईटी की क्लीन चिट पर खड़े हुए सवाल। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट को तरनतारन की ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को रद करने से इनकार कर दिया, जिसमें 2020 के पेट्रोल पंप पर हत्या मामले में छह और लोगों को मुकदमे का सामना करने के लिए तलब किया गया था। अदालत ने स्पष्ट किया कि विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट अदालत पर बाध्यकारी नहीं है।

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    जस्टिस राजेश भारद्वाज ने पांच आरोपितों की पुनरीक्षण याचिका खारिज करते हुए यह आदेश जारी किया। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए घटनास्थल पर मौजूद न होने के दावे की सत्यता का परीक्षण पक्षों द्वारा पेश किए गए सबूतों के आधार पर किया जाएगा। एसआईटी की जांच के निष्कर्ष अदालत को बाध्य नहीं करते, हर जांच का न्यायिक परीक्षण जरूरी है।

    यह मामला 11 अक्टूबर 2020 को भिखीविंड में खेमकरन रोड स्थित राज कुमार ब्रदर्स पेट्रोल पंप पर हुई फायरिंग से जुड़ा है। एफआईआर के अनुसार, शिकायतकर्ता दिनेश कुमार अपने साले मनीष उर्फ मोनू (जिसकी हमले में मौत हो गई), परविंदर कुमार और एक कर्मचारी के साथ मौजूद थे, तभी हथियारबंद हमलावरों का समूह आया।

    दिन नेश ने सात आरोपियों सतविंदर सिंह उर्फ पासी, गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी, चरनजीत सिंह, हरभजन सिंह, सुरजीत सिंह उर्फ विक्की और 15-20 अज्ञात लोगों के नाम लिए। आरोप है कि गोपी ने घातक गोली चलाई, जबकि अन्य ने हमला कर धमकियां दीं। विवाद पेट्रोल पंप के पास रास्ते को लेकर चल रहे सिविल विवाद से जुड़ा था।

    एसआईटी ने 17 नवंबर 2020 को जांच शुरू की और सीसीटीवी व कॉल रिकॉर्ड के आधार पर चरनजीत, सुरजीत और जसबीर सिंह पासी को निर्दोष मानते हुए क्लीन चिट दी। मुकदमे के दौरान गवाह के रूप में पेश हुए शिकायतकर्ता दिनेश कुमार ने फिर से सभी आरोपियों के खिलाफ अपने आरोप दोहराए।

    इसके बाद नई अर्जी दी गई, जिसके तहत पर्याप्त सबूत मिलने पर नए आरोपितों को भी मुकदमे में बुलाया जा सकता है। 7 जून 2024 को ट्रायल कोर्ट ने एसआईटी द्वारा छोड़े गए आरोपियों को तलब कर लिया था। तरनतारन अदालत के आदेश में कोई कमी न पाते हुए हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी ।