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पंजाब में दो रुपये महंगा हुआ पेट्रोल और डीजल, कैप्‍टन सरकार की और कड़े कदम उठाने की तैयारी

पंजाब सरकार ने अचानक पेट्रोल व डीजल की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की वृद्धि कर दी। सरकार ने पेट्रोल व डीजल पर वैट बढ़ा दिया। इसके साथ ही सरकार और कड़े फैसले कर सकती है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 06 May 2020 07:54 AM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 07:54 AM (IST)
पंजाब में दो रुपये महंगा हुआ पेट्रोल और डीजल, कैप्‍टन सरकार की और कड़े कदम उठाने की तैयारी
पंजाब में दो रुपये महंगा हुआ पेट्रोल और डीजल, कैप्‍टन सरकार की और कड़े कदम उठाने की तैयारी

चंडीगढ़ए जेएनएन। हरियाणा और दिल्ली सरकार के बाद पंजाब सरकार ने भी पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ा दिए हैं। सरकार ने पेट्रोल व डीजल के दाम में प्रति लीटर दो रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की है। वैल्यू एडिड टैक्स (वैट) की दरों में संशोधन करते हुए पंजाब सरकार ने डीजल पर टैक्स 11.8 फीसद से बढ़ाकर 15.15 फीसद कर दिया है। वहीं, पेट्रोल पर भी वैट की दर 20.11 से बढ़ाकर 23.30 फीसद कर दी है।  इसके साथ ही पंजाब सरकार राजस्‍व बढ़ाने के लिए अन्‍य कदम भी उठा सकती है और कड़े फैसले कर सकती है।

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माना जा रहा था कि सरकार वीरवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगाएगी, लेकिन सरकार ने मंगलवार रात 12 बजे से ही संशोधित दरें लागू करने का फैसला लिया। मंगलवार को दिल्ली सरकार ने डीजल पर 7.10 पैसे और पेट्रोल पर 1.70 पैसे की वृद्धि की है।

राजस्व बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठा सकती है सरकार
पंजाब सरकार अपना राजस्व बढ़ाने के लिए वीरवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में कुछ महत्वपूर्ण कदम उठा सकती है। कोविड-19 के चलते देश भर में लॉकडाउन के कारण बंद पड़ी अर्थव्यवस्था से सभी सरकारों की आर्थिक हालत बिगड़ गई है। दूसरी ओर जीएसटी के कारण अब राज्य सरकारों के पास अपना राजस्व बढ़ाने के ज्यादा संसाधन भी नहीं रहे हैं, जिसके चलते बचे-खुचे संसाधनों पर ही सरकार टैक्स बढ़ाने के बारे में सोच रही है।

राज्यों के पास शराब, पेट्रोल, बिजली और स्टांप ड्यूटी आदि को छोड़कर और ऐसे संसाधन नहीं हैं, जहां पर राज्य सरकार अपना टैक्स लगा सके। वित्तमंत्री मनप्रीत बादल पहले ही कह चुके हैं कि केंद्र सरकार राज्य सरकार को पिछले साल का रुका हुआ 4400 करोड़ रुपये का जीएसटी बकाया नहीं दे रही है। इसके अलावा कोविड-19 से लडऩे के लिए भी केंद्र सरकार ने मात्र 72 करोड़ रुपये की सहायता ही दी है, जो हालात को देखते हुए नाकाफी है।

गौरतलब है कि लॉकडाउन के चलते अप्रैल में पंजाब को 3360 करोड़ की चपत लग चुकी है। इसमें 322 करोड़ का जीएसटी, पेेट्रोलिम पदार्थों पर लगे वैट से आने वाले 465 करोड़, 521 करोड़ एक्साइज ड्यूटी ,198 करोड़ मोटर व्हीकल टैक्स, 243 करोड़ इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी, 219 करोड़ स्टांप ड्यूटी का इस महीने में नुकसान हो चुका है। इसके मई महीने में भी जारी रहने की आशंका है, क्योंकि लॉकडाउन 17 मई तक बढ़ा दिया गया है।

जमीन की रजिस्ट्रेशन शुरू करने पर विचार  
सरकार जमीन की रजिस्ट्रेशन को फिर से शुरू करने पर भी विचार कर रही है। चूंकि पंजाब में सौ लाख मीट्रिक टन गेहूं की आमद हो चुकी है और किसानों के पास पैसा आ चुका है। ऐसे में सरकार उन सेक्टरों को खोलने पर विचार कर रही है, जहां से उसके अपने खजाने में पैसा आना है। दूसरा, खरीद का तीन चौथाई खत्म होने के कारण अब मंडियों में भीड़ भी कम हो गई है।

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