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    Punjab: PM की सुरक्षा में चूक मामले में एक SP और दो DSP सहित सात सस्‍पेंड, DGP की रिपोर्ट पर राज्य के गृह विभाग ने की कार्रवाई

    By Rohit KumarEdited By: Himani Sharma
    Updated: Sun, 26 Nov 2023 12:20 PM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में फिरोजपुर के तत्कालीन एसपी (ऑपरेशन) गुरविंदर सिंह सहित सात पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई राज्य के गृह विभाग को डीजीपी द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है। ड्यूटी में कोताही बरतने के आरोप में निलंबित किए गए अन्य अधिकारियों में दो डीएसपी तीन इंस्पेक्टर व एक एएसआइ शामिल हैं।

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    प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के मामले में सात अधिकारी निलंबित (सांकेतिक फोटो)

    रोहित कुमार, चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले में फिरोजपुर के तत्कालीन एसपी (ऑपरेशन) गुरविंदर सिंह सहित सात पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई राज्य के गृह विभाग को डीजीपी द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है। ड्यूटी में कोताही बरतने के आरोप में निलंबित किए गए अन्य अधिकारियों में दो डीएसपी, तीन इंस्पेक्टर व एक एएसआइ शामिल हैं।

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    उल्लेखनीय है कि पांच जनवरी, 2022 को प्रधानमंत्री रैली में शामिल होने के लिए बठिंडा से सड़क मार्ग से फिरोजपुर के हुसैनीवाला जा रहे थे। रास्ते में किसानों ने ट्रैक्टर खड़े कर हाईवे बंद कर दिया। पीएम का काफिला 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर रुका रहा था। रास्ता न खुलने पर उन्हें वापस जाना पड़ा था। बठिंडा एयरपोर्ट पहुंचने पर पीएम ने कहा था- अपने मुख्यमंत्री को धन्यवाद कहना, मैं जीवित लौट रहा हूं। तब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी और चरणजीत सिंह चन्नी मुख्यमंत्री थे।

    इन अधिकारियों को किया गया निलंबित

    मामले में जिन अधिकारियों को निलंबित किया गया है उनमें गुरविंदर सिंह के अलावा डीएसपी प्रसोन सिंह, जगदीश कुमार, इंस्पेक्टर जतिंदर सिंह, बलविंदर सिंह, जसवंत सिंह व एएआइ राकेश कुमार शामिल हैं। गृह विभाग द्वारा निलंबित किए गए उक्त अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की गई है। इसके तहत इनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई भी हो सकती है। अगर इन्हें बर्खास्त नहीं किया जाता तो उसी पद पर डिमोट किया जा सकता है, जिस पद पर इन्होंने नौकरी ज्वाइन की थी।

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    पीपीएस अधिकारियों को मुख्यालय के साथ अटैच किया गया

    गृह एवं न्याय विभाग की ओर से जारी किए गए निर्देशों में कहा गया है कि अधिकारियों व कर्मचारियों को चार्जशीट करने का मसौदा व गवाहों की सूची तैयार कर सरकार को भेजी जाए। पीपीएस अधिकारियों को मुख्यालय के साथ अटैच किया गया है। वह स्टेशन नहीं छोड़ सकेंगे। बता दें, प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोताही को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई जांच कमेटी की रिपोर्ट में पंजाब के तत्कालीन मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी और डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को दोषी ठहराया है।

    अगस्त 2022 में यह रिपोर्ट अपेक्स कोर्ट को सौंपी गई थी

    कमेटी ने आठ महीने पहले अगस्त 2022 में यह रिपोर्ट अपेक्स कोर्ट और सरकार को सौंप दी थी। इस रिपोर्ट के आधार पर केंद्र ने सितंबर 2022 में पंजाब सरकार को पत्र लिखकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था, लेकिन इसके बावजूद मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए पूर्व जस्टिस इंदू मल्होत्रा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई थी। कमेटी ने पूरे घटनाक्रम की जांच की।

    प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान तत्कालीन एडीजीपी (ला एंड आर्डर) नरेश अरोड़ा, एडीजीपी (साइबर क्राइम) जी नागेश्वर राव, डीआइजी फरीदकोट सुरजीत सिंह (अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं), एसएसपी मोगा चरणजीत सिंह, आइजी (काउंटर इंटेलिजेंस) राकेश अग्रवाल, डीआइजी फिरोजपुर रेंज इंद्रबीर सिंह और एसएसपी फिरोजपुर हरमनदीप हंस ड्यूटी पर थे।

    कमेटी की रिपोर्ट में तत्कालीन मुख्य सचिव व डीजीपी की लापरवाही आई सामने

    पहले इस पूरे घटनाक्रम के लिए एसएसपी हरमनदीप हंस को ही जिम्मेदार माना जा रहा था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश पर बनी कमेटी की रिपोर्ट में तत्कालीन मुख्य सचिव व डीजीपी की लापरवाही सामने आई। इसमें कहा गया है कि जिस अधिकारी के पास जो भी जिम्मेदारी थी, वह उसे ठीक ढंग से निभा नहीं पाए। अब इस रिपोर्ट के बाद वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्रवाई न किए जाने को लेकर सवाल खड़े हो रहे थे।

    जहां काफिला रुका वह पाक सीमा से मात्र 23 किमी दूर

    प्रधानमंत्री का काफिला जहां रुका था, वह बेहद असुरक्षित क्षेत्र है। यहां से भारत-पाक सीमा महज 23 किलोमीटर दूर है। यहां लगातार टिफिन बम और अन्य विस्फोटक रहे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री के दौरे के लिए पंजाब पुलिस को जैसे प्रबंध करने चाहिए थे वह जमीनी स्तर नजर नहीं आए।

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    बठिंडा एयरपोर्ट पर उतरने के बाद पीएम को हेलिकाप्टर से फिरोजपुर पहुंचना था, पर मौसम खराब होने के कारण हेलिकाप्टर उड़ान नहीं भर सकता था। इसलिए पीएम की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) को सड़क मार्ग से फिरोजपुर पहुंचने का यह रूट पंजाब पुलिस ने ही सुझाया और सुरक्षित बताया, पर इसी पर बड़ी चूक हो गई।

    जानकारी मिलने के बाद भी हुई थी लापरवाही

    1. रिपोर्ट में कहा गया कि आइजी (एसपीजी) आरआर भगत की ओर से स्थिति की जानकारी पुलिस अधिकारियों को समय से पहले ही दे दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद समय रहते कार्रवाई नहीं की गई।

    2. इस बात की जानकारी भी मुहैया करवाई गई थी कि प्रधानमंत्री के रैली स्थल पर पहुंचने के लिए वैकल्पिक रास्ते का इस्तेमाल किया जाए। इसके बावजूद सुरक्षा को लेकर पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए।