Punjab Politics: राज्यपाल पुरोहित से बोले मुख्यमंत्री भगवंत मान, कहा- अब तो सत्र भी वैध; पारित कर दें बिल
मुख्यमंत्री ने जहां राज्यपाल को उनके पास लंबित पांच बिलों को पारित करने के लिए आज सुबह पत्र लिखा और कहा कि अब तक सुप्रीम कोर्ट ने भी सत्र को संवैधानिक बताया है। मुख्यमंत्री के इस पत्र का तुरंत जवाब देते हुए राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने कहा कि मैं तो आपको पहले से ही सलाह देता आया था सत्र का सत्रावसान करके नए सिरे से सत्र बुलाया जाए।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। सुप्रीम कोर्ट का विधानसभा के सत्र को संवैधानिक बताने और राज्यपाल से बिलों को पारित करने का बेशक विस्तृत और लिखित आदेश आ गया है, लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के बीच अपने अपने तरीके इसे अपनी जीत बताया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने जहां राज्यपाल को उनके पास लंबित पांच बिलों को पारित करने के लिए आज सुबह पत्र लिखा और कहा कि अब तक सुप्रीम कोर्ट ने भी सत्र को संवैधानिक बताया है। मुख्यमंत्री के इस पत्र का तुरंत जवाब देते हुए राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने कहा कि मैं तो आपको पहले से ही सलाह देता आया था सत्र का सत्रावसान करके नए सिरे से सत्र बुलाया जाए, जैसा कि आप सुप्रीम कोर्ट में कह कर आए हैं।
20 और 21 जून को बुलाए गए सत्र को संवैधानिक बताया
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्यपाल को उनके पास लंबे कर बिलों को पारित करने के लिए पत्र लिख दिया है । कल इस बारे में सुप्रीम कोर्ट में अपने विस्तृत आदेश में 20 और 21 जून को बुलाए गए सत्र को संवैधानिक बताया था। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से कहा कि आपने अपने पत्र में कहा था कि यह सत्र असंवैधानिक है लेकिन अब तो माननीय सुप्रीम कोर्ट ने सत्र को संवैधानिक बता दिया है। ऐसे में अब आपसे आग्रह है कि आप बिलों को कानूनी रूप देने के लिए जरूरी प्रक्रिया पूरी करें।
मुख्यमंत्री ने पांचों बिलों का विवरण भी राज्यपाल को भेजा है। इसमें पंजाब पुलिस संशोधन बिल 2023 ,गुरुद्वारा संशोधन बिल 2023, पंजाब यूनिवर्सिटी बिल 2023 ,पंजाब एफिलेटिड कॉलेज (सिक्योिरटी ऑफ सर्विसस) संशोधन बिल 2023 और पंजाब विजिलेंस कमीशन रिपील बिल 2022 शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट के कहने पर किया
मुख्यमंत्री के इस पत्र का जवाब देते हुए राज्यपाल ने कहा कि उन्हें खुशी है कि आपने सत्र का सत्रावसान करके नए सिरे से विधानसभा का सत्र बुलाया है। हालांकि, ऐसा आपने सुप्रीम कोर्ट के कहने पर किया है। मुझे खुशी है कि ऐसा लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए जरूरी है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से कहा कि उन्होंने ऐसा करने के लिए बार बार आपसे आग्रह किया था जैसा कि आपने सुप्रीम कोर्ट में सहमति दी।
उन्होंने अपने पत्र में आगे कहा कि आपने जिन पांच बिलों का जिक्र किया है वह मेरे विचाराधीन हैं और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के प्रकाश में जैसा कि उन्होंने 10 नवंबर को अपना फैसला सुनाया है के मुताबिक इस पर फैसला लिया जाएगा।
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