चुनाव से पहले सैकड़ों करोड़ की धनराशि में घालमेल की जांच के आदेश
पंजाब में चुनाव से पहले आनन-फानन में विभागों के लिए जारी की गई राशि की जांच के आदेश दिए गए हैं।18 सरकारी विभाग जांच के दायरे में आए हैं।
जेएनएऩ, चंडीगढ़। विधानसभा चुनाव से पहले विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा खर्च किए गए सैकड़ों करोड़ रुपये की जांच के आदेश महालेखाकार ने वित्त विभाग को दिए हैं। इन विभागों द्वारा विभिन्न मदों में फरवरी व मार्च माह में धनराशि जारी की गई। हैरानी की बात है कि किस-किस मद में यह धनराशि जारी की गई है, इसकी विस्तृत जानकारी विभागों के पास नहीं हैं। अब वित्त विभाग द्वारा इनसे उक्त जानकारी मांगी जा रही है। महालेखाकार ने इस प्रकार के 18 विभागों को जांच के दायरे में रखा है।
वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने हाल ही में विधानसभा में बजट सत्र के दौरान यह कहा था कि चुनाव के आस-पास कितनी धनराशि किस-किस विभाग ने खर्च की है उसकी जानकारी मांगी जा रही है, लेकिन विभागों की तरफ से जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है। उन्होंने विधानसभा में यह भी दावा किया था इसकी जांच करवाई जाएगी क्योंकि बिना बिल के ही कई विभागों में करोड़ों रुपये की पेमेंट कर दी हैं।
इस प्रकार के सैकड़ों मामले हैं। इसके बाद मामले की जांच महालेखाकार को सौंपी गई थी। एक महीने की कवायद के बाद महालेखाकार ने 18 विभागों के खिलाफ जांच के लिए आदेश जारी किए हैं। महालेखाकार की तरफ से वित्त विभाग को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि उक्त 18 विभागों ने सैकड़ों करोड़ की धनराशि कहां-कहां पर किस मद में खर्च की है। इसकी जानकारी विभाग के पास नहीं, इसलिए इनकी जांच करवाई जाए। साथ ही सिफारिश की है कि 15 मार्च के बाद कोई भी विभाग धनराशि जारी न करे।
यह विभाग है जांच के दायरे में
एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग, पीडब्ल्यूडी, स्टांप एंड रजिस्ट्रेशन, प्रशासनिक विभाग, आर्थिक सेवाएं विभाग, इकोलॉजी एंड एनवायरमेंट, सेंसेज सर्वे, राज्य चुनाव आयोग, सिंचाई विभाग, स्वास्थ्य विभाग, जन स्वास्थ्य विभाग, उद्योग विभाग, कमांड एरिया एंड डेवलपमेंट, न्याय एवं प्रशासन, प्रिंटिंग एंड स्टेशनरी, मत्स्य पालन, साइंटिफिक रिसर्च व स्थानीय निकाय विभाग।
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