पार्षद नहीं, अब सदस्यों के नाम से जाने जाएंगे वार्डों के प्रतिनिधि; निर्वाचितों की अधिसूचना जारी; 25 को लेंगे शपथ
हरियाणा राज्य चुनाव आयोग ने दस नगर निगमों पांच नगर परिषदों और 23 नगर पालिकाओं में नवनिर्वाचित मेयर परिषद-पालिकाओं के चेयरमैन और वार्ड सदस्यों की अधिसूचना जारी कर दी है। सभी को 25 मार्च को पंचकूला में शपथ दिलाई जाएगी। हालांकि इस बार इनके पदनाम में बदलाव किया गया है। अब इन्हें पार्षद की जगह संबंधित निकाय का सदस्य कहा जाएगा।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा राज्य चुनाव आयोग ने दस नगर निगमों में मेयर, पांच नगर परिषदों और 23 नगर पालिकाओं में प्रधान पद तथा 647 वार्डों से निर्वाचित सदस्यों की अधिसूचना जारी कर दी है।
सभी नगर निगम, परिषद और पालिकाओं में वार्डों से चुने गए जनप्रतिनिधियों को पार्षद की जगह संबंधित निकाय के सदस्य का पदनाम दिया गया है। सभी नवनिर्वाचित मेयरों, परिषद-पालिकाओं के चेयरमैन और वार्ड सदस्यों को पंचकूला में 25 मार्च को आयोजित होने वाले भव्य कार्यक्रम में शपथ दिलाई जाएगी।
'संविधान में म्युनिसिपल काउंसलर शब्द का उल्लेख नहीं'
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि प्रत्येक वार्ड से चुनाव जीतकर निर्वाचित हुए लोगों को रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा दिए गए निर्वाचन प्रमाण पत्र में भी उनका पदनाम पार्षद की जगह सदस्य दिखाया गया था।
अन्य सभी राज्यों जैसे पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, चंडीगढ़ में नगर निकायों के निर्वाचित सदस्यों को पार्षद का पदनाम दिया जाता है, क्योंकि उन सभी प्रदेशों के म्युनिसिपल कानूनों में पार्षद शब्द का उल्लेख किया गया है।
इसके विपरीत हरियाणा के दोनों नगर निकाय कानूनों में ऐसा नहीं है। यहां तक कि भारत के संविधान में निकायों से संबंधित अनुच्छेद 243 में भी कहीं भी पार्षद (म्युनिसिपल काउंसलर) शब्द का उल्लेख नहीं किया गया है।
निकाय चुनाव में बीजेपी की शानदार जीत
हरियाणा में निकाय चुनाव में बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की है। हरियाणा में अब ट्रिपल इंजन की सरकार बन गई है। विधानसभा चुनाव के करीब साढ़े पांच माह बाद हुए शहरी निकाय चुनाव में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में लड़े गए शहरी निकाय चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों ने कांग्रेस प्रत्याशियों को हराकर नगर निगमों और नगर परिषदों में कमल का फूल खिलाया है।
राज्य के 10 नगर निगमों में से नौ पर भाजपा की जीत हुई है, जबकि नवगठित मानेसर नगर निगम में निर्दलीय उम्मीदवार ने चुनाव जीता है। इस निर्दलीय उम्मीदवार ने भी केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत के नाम पर वोट मांगकर चुनाव जीता है।
भाजपा को शहरी निकायों में शानदार जीत तब मिली, जब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को दूसरी बार सीएम का दायित्व संभालते हुए एक साल पूरा हो गया। राज्य के किसी भी शहरी निकाय में कांग्रेस जीत के करीब तक भी नहीं पहुंच पाई।
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