साक्षी मलिक ने कहा-शादी के बाद कुछ नहीं बदला, कुश्ती मेरी पूजा
आेलंपिक पदक विजेता महिला पहलवान साक्षी मलिक का कहना है कि कुश्ती उनके लिए पूजा की तरह है। शादी के बाद भी उनके लिए कुछ भी नहीं बदला है और उनका कुश्ती पर पूरा फोकस है।
जेएनएन, चंडीगढ़। रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर भारतीय महिला कुश्ती को नए आयाम पर पहुंचाने वाली साक्षी मलिक ने कहा कि शादी के बाद भी कुछ नहीं बदला है। वह पहले की तरह ही कुश्ती से जी-जान से जुड़ी हुई हैं। इस पर विवाह से कोई फर्क नहीं पड़ता है और इस पर उनका पूरा फोकस है। कुश्ती उनके लिए पूजा की तरह है।
यहां एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंची साक्षी ने कहा कि यह आपकी मानसिकता पर निर्भर करता है। कई विदेशी पहलवान भी विवाहित हैं। उनके बच्चे है और वे अब भी पदक जीत रही हैं। साक्षी की पिछले दिनों शादी हुई है। उनके पति भी अंतरराष्ट्रीय पहलवान हैं।
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साक्षी ने कहा कि उनकी शादी जिस परिवार मे हुई है, उसमें तकरीबन सभी सदस्य कुश्ती से जुड़े हुए हैं। उनके ससुर सत्यवान कादियान अर्जुन अवार्डी व ओलंपियन पहलवान रहे हैं। उनके पति सत्यव्रत कादियान भी अंतरराष्ट्रीय हैं। उन्होंने कहा कि मुकाबले से पहले ससुर व पति से काफी कुछ सीखने को मिलता है।
साक्षी ने कहा, हम लोग फुर्सत के क्षणों में भी रेसलिंग पर ही चर्चा करते रहते हैं। साक्षी के मुताबिक, उनके घर में हमेशा कुश्ती का माहौल रहा है। वह और उनके पति अखाड़े में एक दूसरे से नहीं लड़ते है। वैसे, साक्षी की इच्छा दो बार ओलपिक पदक जीतने वाली पहली महिला पहलवान बनने की है।
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वर्ल्ड चैपियनशिप पर फोकस
साक्षी ने हाल में ही एशियन चैपियनशिप में रजत पदक जीता था। अब साक्षी की निगाह वर्ल्ड चैंपियनशिप पर है। उन्होंने बताया कि कुश्ती से दूर रहने के कारण एशियन चैपियनशिप मे उनका प्रदर्शन उतना बेहतर नहीं रहा। अगस्त में वर्ल्ड चैपियनशिप और वर्ष के अंत मे कई अहम टूर्नामेट होंगे। इसके लिए वह खुद को तैयार कर रही हैं। उन्होने कहा कि अगले वर्ष होने वाले राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेलो पर भी उनका ध्यान है। साक्षी ने अपने वेट कैटेगरी में बदलाव के असर से इन्कार किया।
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भारतीय पहलवानों को मिले आधारभूत सुविधाएं
साक्षी की राय में कुश्ती को प्रोमोट करने के लिए अभी कई चीजों पर कार्य करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कुश्ती मे भारतीय पहलवानों को बेहतर करने के लिए विदेश में अधिक कैंप लगाए जाने चाहिए और अधिक से अधिक प्रतियोगिताओं का आयोजन करना चाहिए। आधारभूत सुविधाओं को भी बेहतर बनाया जाना चाहिए।
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